भारतीय सेना में ’12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ को शामिल कर दिया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (L&T) द्वारा स्वदेशी तकनीक से तैयार इन ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ से सेना हर छोटी और बड़ी नदियों और नहरों की बाधाओं को आसानी से पार कर सकेगी।
’12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ को सेना को सौंपते हुए आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की तरफ़ यह सफल कदम है। इसको बनाने वाले मैं सभी लोगों की सरहाना करता हूं। इसके सेना में शामिल होने से सेना की ताकत बढ़ेगी।” उन्होंने कहा, यह ब्रिजिंग सिस्टम हमारे मशीनीकृत फॉर्मेशन की क्षमता को बढ़ावा देगा, ज्यादातर पश्चिमी मोर्चे पर, और ऑपरेशन की गति भी बढ़ेगी।”
वहीं भारतीय सेना के इंजीनियर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा, हमारे पास पहले फिक्स्ड स्पैन के ब्रिजेस होते थे और जो 10-30 मीटर के इंटरमीडिएट गैप होते थे उसको हम ब्रिज नहीं कर पाते थे। इसलिए ये पूरा ब्रिज सिस्टम बनाया गया और अब हम 5-75 मीटर तक के नहरे को ब्रिज कर सकते हैं।
12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम से पश्चिमी सीमाओं पर ऑपरेशन के लिए सेना को स्वदेशी पुल मिलने से बड़ी राहत मिलेगी। यह शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम छोटी नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं से सेना की मददगार साबित होगी। 10-10 मीटर के ये 12 ब्रिजिंग सिस्टम यानी छोटा पुल पाकिस्तान के साथ सटी पश्चिमी सीमाओं पर संचालन के लिए होगा।