कश्मीर में चोटी काटने की घटनाओं पर आर्मी चीफ विपिन रावत ने कहा है कि ऐसी घटनाओं के बहाने आर्मी और आम लोगों को टारगेट किया जा रहा है। ये तो देश के बाकी शहरों में भी हो चुका है। जो कुछ भी हो रहा है वह आतंकियों का फ्रस्ट्रेशन दिखाता है। कश्मीर में पुलिस अपना काम कर रही है, सिक्युरिटी हालात में सुधार हो रहा है।
बता दें कि घाटी में बीते दो महीने में चोटी काटने की 100 से ज्यादा अफवाह और मारपीट की कई घटनाएं सामने आईं। इनके विरोध में अलगाववादियों ने बंद का एलान किया। कश्मीर के 7 इलाकों में धारा 144 लागू… जनरल रावत ने शनिवार को यह भी कहा कि आर्मी एजुकेशन कॉर्प को बंद करने का निर्देश सरकार से मिला है। साथ ही उन्होंने बताया सीमा पार आतंकियों का कोई प्रशिक्षण शिविर बंद नहीं हुआ है। चोटी कांड के खिलाफ अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए हड़ताल के कारण शनिवार को कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित है।
हालांकि शहर के अनेक हिस्सों में अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए अधिकारियों ने प्रतिबंध लगाया है। अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक के संयुक्त नेतृत्व में बुलाए गए हड़ताल के कारण स्कूलों, दुकानों और अन्य व्यापारिक संस्थानों को बंद रखा जाएगा। प्रतिबंध के आदेशों से सरकारी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों में उपस्थिति प्रभावित हुई है।
अधिकारियों ने बताया, सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है लेकिन कुछ निजी वाहनों को शहर के सिविल लाइंस एरिया में देखा जा सकता है। आपको बता दें कि घाटी में पिछले 4 दिनों के अंदर चोटी काटने की कई अफवाह सामने आईं हैं। आर्मी चीफ ने कहा, ‘सेना को जो टास्क सौंपा जाता है। वो उसे बहुत अच्छी तरह से पूरा करती है। पाकिस्तान के लिए राजनीतिक तरीके से फैसले लेना चाहिए।’
‘लोगों को रेडिकलाइजेशन कर बरगलाया जा रहा है। ये दुनिया के बाकी हिस्सों में भी होता है, लेकिन हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार, पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन मिलकर कोशिश कर रहे हैं कि जो कुछ भी सोशल मीडिया के जरिए हो रहा है, उससे लोगों को दूर रखा जाए।’