थल सेना ने एक संसदीय समिति से कहा है कि सैनिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं, जिनमें उनके भोजन में शामिल सभी मांस उत्पादों की जांच भी शामिल है।
रक्षा संबंधी स्थायी समिति को अपने जवाब में सेना ने कहा कि सैनिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले अधिकांश मांस उत्पाद लंबे समय तक रेफ्रिजरेटर में रखे हुए होते हैं।
सेना ने समिति को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने को लेकर मानेसर और जैसलमेर में असैन्य व्यक्तियों के लिए पृथक केंद्र स्थापित करने जैसे कदमों के बारे में भी जानकारी दी।
अब तक सेना ने सूरतगढ़, देवलाली, जोधपुर, कोलकाता और चेन्नई में ऐसे केंद्र स्थापित किये हैं। कोरोना वायरस प्रभावित देशों से लाए गए अधिकांश भारतीयों को सेना द्वारा स्थापित पृथक केंद्रों में रखा गया है।
सेना ने समिति से कहा, ‘‘हम सभी मांस उत्पादों की जांच कर रहे हैं लेकिन हमें इस तरह का कोई मामला नहीं मिला है।’’ यह भी कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रही है।
सेना ने भाजपा सांसद जुअल ओराम की अध्यक्षता वाली समिति को यह जानकारी दी।
समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंप दी।
समिति ने कहा कि पीएमओ भी स्थिति की निगरानी कर रहा है।
समिति को यह भी बताया गया कि सेना ने चीन में भारतीय दूतावास में अपने कर्मियों को आवश्यक सावधानी बरतने के लिए निर्देश दिया है।