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व्यक्तिगत संबंधों के कारण से सभी राजनीतिक दलों में अरुण जेटली ने बनाये थे अपने मित्र

अरुण जेटली ने अपने व्यक्तिगत संबंधों से सभी राजनीतिक दलों में अपने मित्र बनाये थे। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों के रुख का मुखर विरोध किया लेकिन अपने सूझबूझ भरे व्यक्तिगत संबंधों से विपक्षी नेताओं के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी।

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने व्यक्तिगत संबंधों से सभी राजनीतिक दलों में अपने मित्र बनाये थे। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों के रुख का मुखर विरोध किया लेकिन अपने सूझबूझ भरे व्यक्तिगत संबंधों से विपक्षी नेताओं के दिलों में अपनी खास जगह भी बनाई थी। 
ऐसा ही एक वाक्या संसद के हंगामेदार शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पांच जनवरी, 2018 को हुआ था, जब तीन तलाक विधेयक पर भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के बीच काफी नोकझोंक हुई थी। लेकिन उसी शाम अरुण जेटली के चैंबर में एक केक लाया गया और यह केक राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा के जन्मदिन के लिए लाया गया था। 
इससे पता चलता है कि जेटली अपनी राजनीति को व्यक्तिगत संबंधों के साथ आगे बढ़ाते थे। वह विपक्षी दलों के रुख का जोरदार विरोध करते थे लेकिन उन्होंने कभी अपनी इस भावना को नहीं छोड़ा और यहीं कारण है कि उन्होंने सभी राजनीतिक दलों में अपने मित्र बनाये। बता दें कि अरुण जेटली (66) का शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। जेटली को एक मिलनसार व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। 
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विपक्षी नेताओं के साथ उनका तालमेल ऐसा था कि 2016 में नोटबंदी पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के उस समय सासंद रहे नरेश अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में कहा था कि उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली को भी इस फैसले के बारे में विश्वास में नहीं लिया। अग्रवाल ने सदन में कहा था, “यदि अरुणजी को पता होता तो वह मेरे कान में इस बारे में जरूर बता देते। वह मुझे जानते हैं।” 
विपक्षी नेताओं के साथ अरुण जेटली के बेहतर संबंधों को याद करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री “ऐसे भाजपाई थे जो प्रत्येक गैर भाजपाइयों के पसंदीदा थे ।” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता के दामाद जेटली के पास तेज कानूनी और राजनीतिक दिमाग था और गजब का हास्यबोध था। उन्होंने कहा, “उनकी बातों को घुमा देने की असाधारण क्षमता के कारण एक बार मैने उन्हें बेदी, प्रसन्ना, चंद्रा और वेंकट करार दिया था।”
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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जेटली के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह उनके मित्र थे और दिल्ली विश्वविद्यालय में उनके वरिष्ठ थे। जेटली के एक अन्य मित्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जेटली एक पुराने मित्र और एक प्यारे सहयोगी थे, जिन्हें भारत के वित्त मंत्री के रूप में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाएगा। 
जेटली के एक और मित्र एवं कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा उनके साथ 10 अगस्त को मिलने का कार्यक्रम तय हुआ था लेकिन दुर्भाग्यवश पूर्व वित्त मंत्री को नौ अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी जेटली को एक मित्र के रूप में याद किया। उन्होंने वह बिना किसी विद्वेष के सभी के मित्र थे। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष को घेरने की बात आती थी तो वह कभी नहीं हिचकिचाते थे। 

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