केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने रविवार को गोरखपुर हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये हादसा बेहद शर्मनाक है और ये हादसा फिर नहीं होना चाहिए।
श्री जेटली ने आज यहां बीजेपी के नये भारत संकल्प कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर का हादसा शर्मनाक है। उन्होंने नये भारत के बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा कि गोरखपुर जैसी शर्मनाक घटना नहीं होनी चाहिये।
उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की आतंकवादियों को कथित रूप से फडिंग करने वालों की धर पकड़ के बाद अलगाववादियों के समक्ष विदेशों से धन पोषण का आकाल हो गया है। घन की तंगी के चलते घाटी में अलगाववादियों की गतिविधियों में भी कमी आयी है।
गौरतलब है कि एनआईए ने पिछले महीने 24 जुलाई को घाटी से छह और दिल्ली से एक व्यक्ति को पकड़ा था जो कथित रूप से अलगाववादियों को वित्त पोषण करते थे।
गुरुवार को अलगाववादियों को धन मुहैया कराने के मामले में घाटी के एक बड़े कारोबारी जहूर वटाली को भी पकड़ा गया है।
श्री जेटली ने कहा कि 08 नवम्बर को नोटबंदी और एनआईए की अलगाववादियों के खिलाफ हाल की गतिविधियों से पत्थरबाजों की संख्या नगण्य रह गयी है। कुछ समय तक पहले यह होता था कि आतंकवादियों के छिपे होने पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई अथवा किसी आतंकवादी के मरने पर हजारों की संख्या में पत्थरबाज इकट्ठा होकर रूकावटे डालते थे किन्तु अब यह स्थिति एकदम बदल गयी है और मुश्किल से 25-50 लोग ही एकत्रित हो पाते है। इसकी मुख्य वहज अलगाववादियों को मिलने वाले धन पर नकेल लगना है।
बता दें कि ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चे इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे थे जिनकी मौत हो गई। काफी बयानबाजी हुई सियासत भी हुई।
आपको बता दे कि स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि ये घटना गंभीर है हमारी सरकार संवेदनशील है । मुख्यमंत्री ने हमसे बात की । किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में नहीं बताया । अगस्त में हर वर्ष बच्चों की मौत होती है। हॉस्पिटल में नाजुक बच्चे आते हैं ।
साल 2014 में 567 बच्चों की मौत हुई सीएम के दौरे पर गैस सप्लाई को लेकर बात हुई । वही अलग-कारणों से बच्चों की मौत हुई । ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा देख रहे हैं । ऑक्सीजन गैस सिलेंडर शाम साढ़े 7 बजे से रात साढ़े 11 बजे तक ही चले । ऑक्सीजन की अब कोई कमी नहीं है ।
वही ये भी कहा गया था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है । मेडिकल कॉलेज में भर्ती 7 मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से 11 अगस्त को मृत्यु हुई ।
बता दे कि अगस्त महीने में तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 203 मौतें हो चुकी हैं और 700 से ज्यादा बच्चे भर्ती हुए है।