राफेल सौदे मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने बुधवार का कहा कि वह दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश से खुश हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की आपत्ति को दरकिनार कर दिया है। इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने विशेषाधिकार का दावा किया था।
अरुण शौरी ने कहा, ”हम प्रसन्न है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से दिये फैसले में केंद्र सरकार के दस्तावेजों की स्वीकार्यता संबंधी अजीब तर्क को खारिज कर दिया। केंद्र सरकार के तर्क का अर्थ है कि रक्षा सौदे में कोई गलती नहीं की जा सकती।” अरुण शौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और वकील प्रशांत भूषण के साथ राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं में से एक हैं।