राम मंदिर न्यास के संत और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने कहा है कि जैसे बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, वैसे ही राम मंदिर बना लिया जाएगा। मंदिर के निर्माण के लिए पूरी कार्य योजना भी तैयार की जा चुकी है। हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। वेदांती का यह बयान ठीक ऐसे समय पर आया है, जब तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़) में विधानसभा चुनाव होने हैं।
वेदांती ने दावा किया कि 2019 के पहले कभी भी अयोध्या में राम मंदिर बनना शुरू हो सकता है। इस दौरान उन्होंने दो टूक कहा कि कोर्ट का आदेश अगर नहीं भी आया तब भी मंदिर का निर्माण लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत एक फिर गर्म होने लगी है। बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि जिस तरीके से अचानक विवादित ढांचा गिरा दिया गया था। उसी तरीके से रातों-रात मंदिर निर्माण भी शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई ताकत मंदिर निर्माण होने से नहीं रोक सकती है।
उन्होंने कहा कि मंदिर बनाने की योजना के नाम पर कोई बाहरी तैयारी नहीं हो रही है। 1528 में बाबर ने अचानक रामलला के मंदिर को तुड़वा दिया था। जैसे बिना कोर्ट के आदेश के 6 दिसंबर 1992 में रामजन्मभूमि का खंडहर तुड़वा दिया गया था। उसी तरह 2019 से पहले अचानक मंदिर बनना शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर सकती है। पूर्व सांसद ने कहा कि मस्जिद तोड़ने के आरोप गलत हैं। जहां मस्जिद गिराए जाने की बात हो रही है वहां पर कभी मस्जिद थी ही नहीं। वहां सिर्फ एक मंदिर का खंडहर था। उसी मंदिर से खंडहर को नया मंदिर बनाने के लिए तोड़ा गया था।
वेदांती ने कहा कि मामला कोर्ट में पेंडिंग है लेकिन 1528 में जब बाबर ने रामलला का भव्य मंदिर तुड़वाया था तब वह कोर्ट का आदेश लेकर नहीं आया था। 1949 में अभिरामदास महाराज की तपस्या से रामलला प्रकट हुए थे तो भी वह कोर्ट का आदेश लेकर नहीं आए थे। 6 दिसंबर 1992 में भी कोई कोर्ट का आदेश नहीं आया गया था। कोर्ट का आदेश अगर नहीं भी आया तब भी मंदिर का निर्माण होगा।
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