जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सेना के लांस नायक नजीर अहम वानी को शांति काल से सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लांस नायक वानी को अशोक चक्र से सम्मानित करने की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है।
सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री के लांस नायक वानी ने गत 25 नवंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर के एक गांव में हथियारों से लैस छह आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। इससे पहले उन्होंने आमने-सामने की गोलीबारी में दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
बुरी तरह से घायल होने के बावजूद लांस नायक वानी ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपने साथी जवानों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। लांस नायक वानी को उनकी असाधारण वीरता और अदम्य साहस के लिए शांति काल के सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र से पुरस्कृत किया जाएगा।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 38 वर्षीय वानी कुलगाम के अश्मुजी के रहने वाले थे। वह 25 नवंबर को भीषण मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। शुरू में आतंकी रहे वानी बाद में हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट आए थे। वह 2004 में सेना में शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि वानी दक्षिण कश्मीर में कई आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल रहे।
अशोक चक्र भारत का शांति के समय दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। वानी को आतंकवादियों से लड़ने में अदम्य साहस का परिचय देने के लिए सेना पदक भी दिया गया।