सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारतीय स्टार्टअप परिवेश को वैश्विक स्वीकृति और सम्मान मिला है। उन्होंने स्टार्टअप और उद्यमियों से गरीबों के जीवन में बदलाव लाने के लिये नये समय के समाधान लाने को भी कहा। वैष्णव ने स्टार्टअप को चीजों को गति देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के व्यापक प्रभाव तथा भरोसेमंद डाकघर नेटवर्क के साथ वित्तीय समावेश लक्ष्यों के लिये अभूतपूर्व परिणाम मिल सकते हैं।
स्टार्टअप और उद्यमी लाएं गरीबों के जीवन में बदलाव लाने वाले उत्पाद
उन्होंने ‘फिनक्लूवेशन’ कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘‘मानवता और प्रौद्योगिकी के बीच संबंधों को समझें … सभी कार्यक्रमों में निचले पायदान पर खड़े लोगों का ध्यान रखें। लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है।’’ डाक विभाग के अंतर्गत आने वाले भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) ने ‘फिनक्लूवेशन’ कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का मकसद वित्तीय समावेश के लिये नवोन्मेषी समाधान तैयार करने के लिए वित्तीय प्रौद्योगिकी स्टार्टअप से जुड़े समुदाय के साथ गठजोड़ करना है।
इसके तहत स्टार्टअप को इसमें भाग लेने, चीजों पर गौर करने, उसे विकसित करने तथा बाजार में सहज एवं ग्राहकों की जरूरत के अनुरूप उत्पाद और सेवाएं तैयार करने तथा उसे उन तक पहुंचाने के लिये आमंत्रित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘आज भारतीय स्टार्टअप व्यवस्था को पूरी दुनिया में सम्मान मिला रहा है। हम आज दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप परिवेश में से एक हैं।’’उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप के साथ गठजोड़ से उत्साहजनक परिणाम आये हैं।