भारत इस साल अपनी खुद की स्वचालित समुद्री प्रदूषण निगरानी प्रणाली शुरू करेगा जिससे समुद्र के प्रदूषण के स्तरों पर नजर बनाए रखने में मदद मिलेगी और समुद्र प्रणाली के बदलते स्वरूप की जानकारी मिलेगी। भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र (आईएनसी ओआईएस) के निदेशक एस एस सी शेनोई के अनुसार यह प्रणाली इस साल अप्रैल से काम करने लगेगी और परियोजना पर 100 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
आईएनसीओआईएस पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है। उन्होंने कहा कि नयी प्रणाली से समुद्र से पानी के नमूने लेकर उनमें प्रदूषण के स्तर का अध्ययन करने का मौजूदा चलन खत्म हो जाएगा। शेनोई ने कहा, ‘‘भारत के पास पहली बार ऐसी कोई प्रणाली होगी। अमेरिका में ऐसी प्रणाली है। यह समुद्र प्रदूषण से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिहाज से एक बेहद प्रभावशाली प्रणाली है।
हम उस आंकड़े का इस्तेमाल पानी की गुणवत्ता को समझने के लिए करेंगे।’’ उन्होंने बताया कि नयी प्रणाली अचूक है और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अप्रैल से काम करने लगेगी। निदेशक ने कहा कि इससे समुद्र जल के प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की निगरानी में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी रिपोर्ट हैं कि पानी में ऑक्सीजन कम होता जा रहा है और इससे समुद्र प्रणाली बदल सकती है। ये आशंकाएं हैं और कुछ ठोस नहीं है। इसलिए प्रणाली से हमें चीजों की सही तस्वीर मिलेगी और एहतियाती उपाय बरतने के लिहाज से लंबे समय में मदद मिलेगी।’’
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