जबलपुर : अनुसूचित जाति वर्ग के मेडिकल छात्र को आवंटित हुई एमडी की सीट डीएमई द्वारा निरस्त किए जाने पर छात्र ने हाईकोर्ट की शरण ली है। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संचालक चिकित्सा शिक्षा समेत प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
अनु. जाति से आने वाले छात्र को पहले एमडी चेस्ट और टीबी की सीट आवंटित की गई, जिसे बाद में डीएमई ने यह कहकर निरस्त कर दिया कि छात्र के पास मध्यप्रदेश का जाति प्रमाणपत्र नहीं है। इस पर छात्र ने इस कानून को चुनौती देते हुए संविधान के अनुच्छेद-14 व19 का हवाला दिया है जिसमें पूरे भारत को एक समान बताया गया है।
गौरतलब है कि छात्र के पास नागपुर जिले से बना जाति प्रमाण पत्र था, लेकिन डीएमई ने इसमें आपत्ति जताते हुए मध्यप्रदेश के जाति प्रमाणपत्र को आवश्यक बताया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह के भीतर सरकार से जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि अनेक राज्यों में छात्रों के साथ इस तरह हतोत्साहित कर प्रवेश में बाधाएं डालते हैं, जिसके बाद आम तौर से पात्र छात्र निराश-हताश हो प्रवेश लेने में चूक जाते हैं तो बाद में इन खाली सीटों का ऊंचे दामों पर सौदा किया जाता है।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे