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अयोध्या मामला : सीधे प्रसारण या रिकार्डिग के लिये याचिका प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखी जाये : SC

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई की कार्यवाही के सीधे प्रसारण या इसकी रिकार्डिंग के लिये दायर याचिका प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगी।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई की कार्यवाही के सीधे प्रसारण या इसकी रिकार्डिंग के लिये दायर याचिका प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों की छह अगस्त से रोजाना सुनवाई कर रही है।
इससे पहले न्यायालय ने मध्यस्थता के माध्यम से इस विवाद का सर्वसम्मत समाधान खोजने का प्रयास किया था लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिली थी। इस कार्यवाही के सीधे प्रसारण या इसकी रिकार्डिंग के लिये दायर, आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविन्दाचार्य की याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आयी। 
गोविन्दाचार्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि यदि अयोध्या प्रकरण की कार्यवाही का सीधा प्रसारण संभव नहीं हो तो कम से कम सुनवाई की आडियो रिकार्डिंग या लिप्यांतर तो किया ही जाना चाहिए। उन्होने न्यायालय के पिछले साल के फैसले का हवाला दिया जिसमें संवैधानिक और राष्ट्रीय महत्व के मुकदमों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने की अनुमति दी थी। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इसके साथ ही इसमें (पिछले साल के फैसले में) संवेदनशील मामलों को इससे बाहर रखा गया है।’’ सिंह ने दलील दी कि अयोध्या मामला संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। 

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उन्होंने कहा‘‘हमारे न्यायालय खुले हैं लेकिन बाहरी लोगों के लिये नहीं। हम सिर्फ वादियों के लिये खुले न्यायालय हैं।’’ साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘‘यह नहीं कहा जा सकता कि यह (अयोध्या) मामला राष्ट्रीय या संवैधानिक महत्व का नहीं है।’’ हालांकि पीठ ने कहा कि इस मामले को प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश करना होगा। 
गोविन्दाचार्य ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत के 26 सितंबर, 2018 के फैसले का जिक्र किया और कहा कि इसमें संवैधानिक और राष्ट्रीय महत्व के मामलों की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की अनुमति देते हुये कहा गया था कि यह खुलापन सूरज की किरणों की तरह है जो सर्वश्रेष्ठ कीटाणुनाशक है। याचिका में यह भी कहा गया है कि चूंकि न्यायालय शुक्रवार और सोमवार को भी अयोध्या के असाधारण मामले की सुनवाई कर रहा है, इसलिए इसकी ऑडियो रिकार्डिंग तत्काल शुरू करायी जा सकती है। 

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