यू पी के अयोध्या में साल 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ता राणा संग्राम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 1990 में अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने को लेकर मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
राणा संग्राम सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि 6 फरवरी 2014 को मैनपुरी जिले में आयोजित एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाई थी। इस बयान के बाद राणा संग्राम सिंह ने लखनऊ पुलिस में मुलायम सिंह के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी। लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद उन्होंने लखनऊ की निचली अदालत में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी। लेकिन निचली अदालत ने राहत न देते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया। इसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने भी 3 मई 2016 को याचिका ख़ारिज कर दी।
आपको बता दे की मुलायम सिंह यादव को अयोध्या गोलीकांड के बाद हुए विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इस घटना के बाद 1991 की राम लहर और ध्रुवीकरण वाले माहौल में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार यूपी में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने थे। 2 नवंबर 1990 को जब कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचे (बाबरी मस्जिद) को गिराने की कोशिश की थी, तब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे। बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कारसेवकों पर पुलिस ने फायरिंग की थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फायरिंग में 16 लोग मारे गए थे। मुलायम ने कहा था कि अगर और भी जानें जातीं, तब भी वह धर्मस्थल को बचाते।