वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि वित्त आयोग को संसाधनों के वितरण में संतुलन बनाना होता है और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े राज्यों के साथ अनदेखी नहीं की जा सकती। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शशि थरूर, बी. महताब और एम थंबीदुरई के पूरक प्रश्नों के उत्तर में जेटली ने कहा कि वित्त आयोग को पूरे देश में संसांधनों के वितरण में संतुलन बनाना होता है और आगे भी संतुलन बनाए रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो राज्य सामाजिक-आर्थिक रूप से कम विकसित हैं उनको कम संसाधन नहीं दिए जा सकते क्योंकि ऐसा करने से गरीब राज्य गरीब रह जाएंगे और विकसित राज्य और भी विकसित हो जाएंगे। जेटली ने कहा कि कोई भी ऐसी सरकार नहीं चाहेगी कि कोई एक राज्य पिछड़ा रह जाए।
थरूर और थंबीदुरई ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण करने वाले केरल एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों के अधिकारों कार संसाधनों के वितरण में हनन नहीं किया जा सकता। केरल में आपदा राहत कोष के सवाल पर जेटली ने कहा कि राज्य की ओर से जो अनुंशसा आई थी, उस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने विचार किया और राज्य के लिए करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये मंजूर किया गया है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्तीय आयोग द्वारा संसाधनों का वितरण 2011 की जनगणना के आधार पर किया जा रहा है।