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बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि आज, PM मोदी और अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक बाल गंगाधर तिलक को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक बाल गंगाधर तिलक को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि उनका ज्ञान, साहस और ‘‘स्वराज’’ का विचार लोगों को प्रेरित करता है। 
मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का एक संक्षिप्त वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के तिलक के प्रयासों का जिक्र किया था। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत लोकमान्य तिलक को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर नमन करता है। उनका ज्ञान, साहस, न्याय की भावना और स्वराज का विचार प्रेरित करता है।’’ 

प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे तिलक ने लोगों में आत्मविश्वास जगाया था और ‘‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’’ का नारा दिया था।

अमित शाह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर उन्होंने स्वराज का जो नारा दिया उसने देश में नया साहस और विश्वास जगाया। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की आज 100वीं पुण्यतिथि है। 
शाह ने श्रद्धांजलि देते हुए कई ट्वीट किए और लिखा,’लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी का स्वतंत्रता आन्दोलन में अतुलनीय योगदान है, उन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण राष्ट्र को समर्पित कर क्रांतिकारियों की एक वैचारिक पीढ़ तैयार की।अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर उन्होंने स्वराज का जो नारा दिया उसने देश में नया साहस और विश्वास जगाया।’ उन्होंने कहा,’ लोकमान्य तिलक भारतीय संस्कृति व उसकी चेतना की आत्मा हैं। वह अस्पृश्यता के प्रबल विरोधी थे। उन्होंने जाति और संप्रदायों में बंटे समाज को एक बनाने के लिए बड़ आंदोलन चलाया।

अंग्रेजों से डरे लोगों को स्वाधीनता के लिए प्रेरित करने के लिए तिलक जी ने ही सार्वजनिक गणेश उत्सव शुरू किया।’ गृहमंत्री ने आगे लिखा,’ लोकमान्य तिलक जी का अध्ययन असीमित था, उनके विचारों, कृतित्व और शोधों में उनके गहन चिंतन को साफ देखा जा सकता है। उनका मानना था कि जब देश गुलामी की बेड़यिं में जकड़ हो तब भक्ति और मोक्ष नहीं, कर्मयोग की जरूरत होती है। ऐसे वीर नायक की 100वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।’

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