लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

पिछले 14 दिनों से कश्मीर के इस गांव के लोग नहीं सो पा रहे , सेना के कहने पर भी नहीं करते लाइटे बंद

भारत और पाकिस्तान के बीच हो रही लड़ाई की वजह से उत्तरी कश्मीर के उरी कस्बे के गांव बालाकोट के बाशिंदे काफी ज्यादा सहमे हुए हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच हो रही लड़ाई की वजह से उत्तरी कश्मीर के उरी कस्बे के गांव बालाकोट के बाशिंदे काफी ज्यादा सहमे हुए हैं। ये स्थान पहाडिय़ों पर तैनात पाकिस्तानी सैन्य चौकियों की जद में आती है। गांव के लोग इस परेशानी में है कि वह खुद को सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं या फिर किसी आधिकारिक ऐलान का इंतजार करें।

India Pakistan Relation

पूर्व सैनिक फारूख अहमद और गांव के एक निवासी ने बताया कि हम आश्वस्त नहीं हैं कि क्या करें। हम जंग के बीच फंस गए हैं।उन्होंने आगे कहा, अगर हम अपने घर छोड़ देंगे तो हमें नहीं पता कि कहां जाना है। अगर हम गांव छोड़ते हैं तो हमारे घरों की हिफाजत कौन करेगा?

एलओसी के करीब गांव वाले सभी लोगों के मन में ये सवाल तब से घूमने लगा है जब स्थानीय बाशिंदों की नींद गोलाबारी की आवाज से खुली। वहीं कुछ ही घंटे बाद जम्मू क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के बीच टकराव हुआ।

india and pakistan

बालाकोटा मंगलवार को तब से चर्चा का विषय बन गया जब से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई की बात सामने आई है। हालांकि बाद में ये साफ हो गया कि जिस बालाकोट में इस अभियान को अंजाम दिया गया वो पाकिस्तान के बहुत अंदर जाकर खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र है।

pjimage 234

कश्मीर के बालाकोटा के लोगों ने बताई अपनी दास्तान

बालाकोट के 31 साल के शबीर अहमद ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद से हम सो नहीं पाए हैं क्योंकि हर कोई काफी ज्यादा डरा हुआ है कि कुछ भी कभी भी हो सकता है। हम सबसे पहले निशाना बनते हैं और आगे भी रहेंगे जब कभी सीमा पर गोलीबारी होती है।

Untitled 3 1

पाकिस्तान से सटे आखिरी गांव में से एक सिलिकोट के नागरिकों ने भी बुधवार की सुबह से गांव छोडऩा शुरू कर दिया है। इस गांव में केवल 20 परिवार ही रहते हैं। गांव के ही एक शख्स ने बताया है कि उसने अपने परिवार को उरी में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है। वहीं एक अन्य नागरिक ने दावा किया है कि उसे दिन के समय पास की आर्मी कैंप से फोन आया। इसमें रात के समय लाइटें बंद करने को कहा गया है। जबकि गांवो वालों को ऐसा लगता है कि यदि हम रात के समय लाइट जालाकर सोंएगे तो हम निशाना नहीं बनेंगे। क्योंकि हम अपनी जान खतरे में नहीं डालना चाहते हैं।

गांववालों ने बताया कि 2005 में आए भूकंप के बाद बंकर तहस-नहस हो गए। इसके बाद सरकार ने इन्हें दोबारा बनाने की नहीं सोची है। बालाकोट की रहने वाली 70 साल की मीरा बेगम ने कहा कि मेरे बेटों ने सेना में सेवा दी है। क्या हम इस देश का हिस्सा नहीं है। सरकार को हमारे बारे में चिंता क्यों नहीं है? ऊपरवाला भी हमारी नहीं सुन रहा और न ही हमारी सरकार। हमें क्या करना चाहिए। वहीं डिविजनल मजिस्टे्रट रियाज मलिक ने बोला है कि यूरी में एक इमर्जेंसी कंट्रोल रूम बनाया गया है। उनके अनुसार सभी तैयारियां पूरी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।