जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्पलॉइज फेडरेशन (बामसेफ) की ओर से भारत बंद का ऐलान किया गया है। बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा, "हमारे भारत बंद आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है।"
भारत बंद को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है और लोगों से अपील की जा रही है। बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि हमारी मुख्य मांग यही है कि जनगणना में जातियों की संख्या को गिनने की बात भी शामिल की जाए।
जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बामसेफ के द्वारा भारत बंद के आह्वान को किसी बड़े दल का समर्थन अभी तक नहीं मिल सका है। हालांकि, जातिगत जनगणना की मांग करने वाले तमाम दल बामसेफ के फैसले को बेहतर बता रहे हैं, लेकिन उसके साथ सड़क पर उतरने और अपना समर्थन देने से बच रहे हैं।
जाति आधारित जनगणना के अलावा बामसेफ की ओर से पुरानी पेंशन दोबारा शुरू करने, किसानों को MSP की गारंटी देने, लोगों को टीका लगवाने के लिए मजबूर न करने, NRC/CAA/NPR की कवायद रोकने जैसी मांग की जा रही है। इसके अलावा चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक की भी मांग की गई है।
बिहार में दिखाई देगा बंद का असर
बताया जा रहा है कि भारत बंद का असर दिल्ली में कुछ खास नहीं दिखेगा, लेकिन यूपी और बिहार जैसे बड़े प्रदेशों में इसका बड़ा असर हो सकता है। वहीं बिहार में इसके असर का कारण ये है कि वहां ये मुद्दा काफी ज्यादा छाया हुआ है। विपक्ष के नेता तेजस्वी जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।