बिहार में विपक्ष लगातार कमजोर होता जा रहा है और आगामी दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव ने इस प्रदेश में काफी गहमा-गहमी बढ़ा दी है। तो उधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने रविवार को कांग्रेस की निंदा की और एक सहयोगी के रूप में पार्टी की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए हैरानी जताई कि क्या उनकी पार्टी को विधानसभा की एक सीट राष्ट्रीय पार्टी के लिये छोड़ देनी चाहिए, ताकि कांग्रेस वहां से अपनी जमानत भी गंवा सके। राज्य में इस सीट के लिए उपचुनाव होने वाला है।
क्या हमें एक सीट कांग्रेस को हारने के लिए देनी चाहिए?
लालू से जब पूछा गया कि विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में उनकी पार्टी राष्ट्रीय दल को एक सीट नहीं दे रही है तो ऐसे में क्या इसे एक तरह से गठबंधन में टूट के तौर पर देखा जाए, उन्होंने पलटकर पूछा, “क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन?”
उन्होंने कहा, “क्या हमें एक सीट (कांग्रेस को) हारने के लिए देनी चाहिए? जिससे वह अपनी जमानत भी गंवा सके?” उन्होंने कांग्रेस नेता भक्त चरण दास का भी उपहास किया जो पार्टी के बिहार प्रभारी हैं और राजद पर निशाना साधते रहे हैं। दास ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस अब राज्य में राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
राजद के फैसले ने कांग्रेस को नाराज कर दिया
कुशेश्वर स्थान से अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने के राजद के फैसले ने कांग्रेस को नाराज कर दिया है। कांग्रेस ने 2020 में इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। विधानसभा चुनावों में राजद के बेहतर स्ट्राइक रेट की तुलना में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने लालू की पार्टी के नेताओं के एक वर्ग को गठबंधन में राष्ट्रीय पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाने का मौका दे दिया है। राजद का मानना है कि कांग्रेस को उसकी वास्तविक क्षमता से ज्यादा संख्या में सीटें दे दी गई थीं।
लालू के बयान से तिलमिलाई कांग्रेस, जताई आपत्ति
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास पर दिए गए बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आपत्ति जताई और इसकी निंदा की है। विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपशब्दों का प्रयोग किया है। कांग्रेस इसकी भर्त्सना करती है। राजनीति में गरिमा का ख्याल रखा जाना चाहिए।
अगर यही रवैया रहा तो कांग्रेस भी संयम तोड़ने में पीछे नहीं रहेगी। कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि लालू यादव को यह ध्यान नहीं आ रहा है कि बिना कांग्रेस के 19 विधायकों के समर्थन के उनके पुत्र तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। लालू यादव को ये स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वें कांग्रेस से दूर होकर जदयू या भाजपा किसके साथ जाकर अपने पुत्र को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं।