पटना : कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने हेतु बामेती, पटना में आयोजित बैठक सह कर्मशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दुगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग द्वारा इसके लिए तीसरा कृषि रोड मैप 2017-22 बनाया गया है।
किसानों की आमदनी बढ़ाने हेतु किसानों को कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, बटेर पालन आदि को भी अतिरिक्त व्यवसाय के रूप में अपनाने का सुझाव दिया जाना आवश्यक है तथा इसमें कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के प्रसार पदाधिकारियों एवं कर्मियों की सबसे अहम् भूमिका है। कृषि मंत्री ने कहा कि देश में स्थापित आईसीएआर तथा कृषि एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों तथा इनके अधीन कार्यरत कृषि, उद्यान, पशुपालन, गव्य, मत्स्य, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा दिन-प्रतिदिन नये-नये शोध हो रहे हैं। इनके शोध एवं कृषि की आधुनिकत्तम तकनीक को किसानों एवं प्रसार कर्मियों के बीच पहुंचाने की आवश्यकता है।
उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों के ज्ञानबद्र्धन हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र में डेमों प्लॉट विकसित किया जाये। केन्द्र एवं राज्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं का डेमो तैयार कर किसानों को दिखाया जाय तथा उन्हें इसकी तकनीकी एवं व्यवहारिक जानकारी दी जाय। राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों एवं प्रसार पदाधिकारियों/कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभार्थी किसानों तथा सामान्य किसानों के प्रत्यक्षण प्लॉटों/खेतों का निरीक्षण कर किसानों को तकनीकी सलाह दिया जाना आवश्यक है।
कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन का निर्देश मंत्री द्वारा दिया गया। डा. कुमार ने कहा कि आत्मा द्वारा राज्य में किसानों को प्रशिक्षित करने एवं कृषि की आधुनिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम कार्यान्वित किए जाते हैं। आत्मा की प्रत्येक गतिविधियों में कृषि विज्ञान केन्द्र की अहम् भूमिका है।
प्रखंड स्तर पर प्रखंड तकनीकी दल, जिला स्तर पर आत्मा के शासी परिषद् एवं प्रबंधन समिति तथा राज्य स्तर पर अंतर्विभागीय कार्य समूह एवं राज्यस्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों को तकनीक सुझाव देने हेतु शामिल किया गया है।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कृषि उत्पादन आयुक्त सुनिल कुमार सिंह, प्रधान सचिव, कृषि सुधीर कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के कुलपति डा. अजय कुमार सिंह,मुजफ्फरपुर के निदेशक डा. विशालनाथ द्वारा अपने विचार रखे गये। इस अवसर पर विशेष सचिव श्री रवीन्द्रनाथ राय, डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के निदेशक प्रसार शिक्षा के. एम. सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के निदेशक प्रसार शिक्षा श्री आर. के. सोहाने, निदेशक अटारी, निदेशक, बामेती कृषि विभाग के सभी जिलों के परियोजना निदेशक, आत्मा एवं सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के वरीय वैज्ञानिक उपस्थित थे।
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