कांग्रेस के एक सांसद ने सोमवार को लोकसभा में सरकार से आम आदमी पार्टी के एक सदस्य के इस आरोप पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें पार्टी में और केंद्र सरकार में शामिल होने का प्रलोभन दिया। कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने शून्यकाल में आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने हाल में संवाददाता सम्मेलन करके दावा किया है कि भाजपा की ओर से उन्हें ‘‘खरीदने के लिए बोली लगाई गई’’ और उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री पद का प्रलोभन भी दिया गया।
बिट्टू ने कहा कि सांसद होने के नाते मान को यह बयान सदन के बाहर नहीं बल्कि यहां देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों के लिए इस तरह की बात शर्मसार करने वाली है और केंद्र सरकार को मान के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। महाराष्ट्र के अमरावती ने निर्दलीय सदस्य नवनीत राणा ने शून्यकाल में दावा किया कि गत दिनों त्रिपुरा की हिंसा के बाद 12 नवंबर को उनके संसदीय क्षेत्र में बिना पुलिस अनुमति के हजारों लोगों ने मोर्चा निकाला और दुकानदारों को नुकसान पहुंचाया तथा दुकानों में तोड़फोड़ की।
राणा ने आरोप लगाया कि इस प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र सरकार के नेता भड़काऊ बयान दे रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गणेश सिंह ने चित्रकूट के विकास के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर एक विकास निधि प्राधिकरण गठित करने की मांग की। जदयू के सुनील कमार पिंटू ने जिला और स्थानीय अदालतों में केवल अंग्रेजी भाषा के स्थान पर स्थानीय भाषा में दलीलों पर सुनवाई और फैसले सुनाये जाने की मांग की।
द्रमुक की टी सुमति ने दावा किया कि पिछले दिनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), चेन्नई के एक समारोह में तमिल प्रार्थना नहीं गाकर उस परंपरा को तोड़ा गया जिसकी शुरुआत द्रमुक नेता दिवंगत एम करुणानिधि ने की थी।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पूछना चाहिए कि यह परंपरा क्यों तोड़ी गई। सुमति ने कहा कि इससे पहले भी एक समारोह में तमिल प्रार्थना की जगह संस्कृत में प्रार्थना की गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भाषा के विरुद्ध नहीं हैं लेकिन हम तमिल भाषा में अराधना करते हैं।’’
तेलंगाना से भाजपा सदस्य अरविंद धर्मपुरी ने पिछले दिनों सदन में आसन के समीप नारेबाजी करने वाले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र ने कभी नहीं कहा कि वे धान किसानों से खरीद नहीं करेंगे। धर्मपुरी ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पिछले पांच साल में खरीद बढ़ा दी है और टीआरएस सदस्य अनावश्यक शोर-शराबा कर रहे हैं। गौरतलब है कि टीआरएस के सदस्यों ने पिछले हफ्ते आसन के समीप आकर तेलंगाना में धान किसानों से खरीद और एमएसपी का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी की।