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भारत बायोटेक को इंट्रानेजल कोविड टीके की बूस्टर खुराक के रूप में परीक्षण की मिली अनुमति

भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिये जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दे दी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 के टीके दिये जा चुके हैं।

देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले कभी बढ़ रहे है, तो कभी घट रहे है। ऐसे में भारत के औषधि नियामक ने भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिये जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दे दी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 के टीके दिये जा चुके हैं। 
डीसीजीआई ने दी मंजूरी, पांच स्थानों पर किया जाएगा परीक्षण 
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित इंट्रानेजल कोविड-19 टीके बीबीवी154 के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी अभी तक नहीं दी गयी है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 27 जनवरी को भारत बायोटेक को उसके इंट्रानेजल टीके की सुरक्षा का आकलन करने के लिए उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के तौर पर तीसरे चरण का बहुकेंद्रीय क्लीनिकल अध्ययन करने की मंजूरी दे दी थी जिन्हें पहले ‘नये औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019’ के अंतर्गत नयी दवाओं के तहत स्वीकृत कोविड-19 टीकों की खुराक दी जा चुकी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स दिल्ली समेत पांच स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा। 
जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों, उन पर होगा अध्ययन 
भारत बायोटेक ने दिसंबर में डीसीजीआई से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों। डीसीजीआई ने बृहस्पतिवार को बीबीवी-154 (इंट्रानेजल) टीके की प्रतिरक्षा क्षमता तैयार करने की शक्ति और सुरक्षा की तुलना कोवैक्सीन से करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति भी दे दी थी। परीक्षण को नौ स्थान पर संचालित करने की अनुमति दी गयी है। अगस्त में इंट्रानेजल टीके के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए नियामक की स्वीकृति मिली थी। 

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इंट्रानेजल टीका न केवल देने में आसान होगा- भारत बायोटेक के अध्यक्ष  
भारत बायोटेक के एक सूत्र ने कहा, ‘‘बीबीवी154 (इंट्रानेजल कोविड टीके) को तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गयी है। परीक्षण में दोनों खुराकों के प्राथमिक कार्यक्रम और बूस्टर खुराक दोनों के लिए बीबीवी154 टीके का आकलन किया जाएगा।’’ भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा था कि इंट्रानेजल टीका न केवल देने में आसान होगा बल्कि सिरिंज और सुइयों के इस्तेमाल को भी घटाएगा। उन्होंने कहा था कि इससे टीकाकरण अभियान की कुल लागत पर भी असर पड़ेगा।

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