भारत में बनी स्वदेशी वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की मंजूरी मिलने के बाद भारत बायोटेक के सीएमडी ‘कृष्णा इल्ला’ ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि, विपक्ष की ओर से वैक्सीन टीके पर सवाल खड़े करने और राजनीति करने कि वजह से टीके को डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिलने में इतनी देरी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि, विपक्ष की वजह से देश-विदेश में टीके को लेकर लोगों में गलत धारणा बनी। आपकों बतादे की वैक्सीन बनने के बाद विपक्षी पार्टियों ने कई बयान बाजी की थी, किसी ने इसे बीजेपी की वैक्सीन बताया था तो किसी ने वैक्सीन के बारे में गलत अफवाह फैलाई थी।
जागरुक करने के मकसद से पीएम ने लगवाया था टीका : सीएमडी इल्ला
सीएमडी इल्ला ने मीडिया समिट में कहा कि, वैक्सीन के बारे में गलत अफवाह फैलाने से लोग टीका लगवाने से डर रहे थे।इसके बाद लोगों को जागरुक करने और वैक्सीन की अफवाहों को झुठा साबित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कोरोना की वैक्साीन लगवाई थी। उन्होंने कहा, हमें आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के तहत भारतीय विज्ञान की सराहना करनी चाहिए थी।
सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों को दोनों डोज देना है
कृष्णा इल्ला ने कहा कि, सरकार की पहली प्राथमिकता सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज देना है उसके बाद सभी को कोवैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, बूस्टर डोज दोनों टीके लेने के बाद लगाया जाए तो सही रहेगा। उन्होंने बताया कि, कोवैक्सीन की बूस्टर डोज को नाक के जरिए दिया जाएगा।