बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते हुए नजर आए है। उन्होंने पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गयी टिप्पणी पर विदेशी प्रतिक्रिया को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार ने छोटे से देश कतर के आगे साष्टांग दंडवत कर दिया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में मोदी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में विदेश नीति को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा, मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत माता को शर्म से सिर झुकाना पड़ा। हम लद्दाख में चीनियों के सामने रेंगते नजर आये। रूसियों के सामने घुटने टेके और क्वाड में अमेरिकियों के सामने गिड़गिड़ाये। अब हमने छोटे से देश कतर के सामने साष्टांग दंडवत किया। यह हमारी विदेश नीति का पतन है।
During Modi govt’s 8 years, Bharat Mata had to hang her head in shame because we crawled before the Chinese on Ladakh, knelt before the Russians, meowed before the Americans in QUAD. But we did shastangam dandawat before the tiny Qatar. That was depravity of our foreign policy.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 6, 2022
दरअसल, इन दिनों बीजेपी नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बवाल मचा हुआ है। टिप्पणी पर देश के अलावा विदेश से भी आई प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी ने अपने दोनों नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।
कहा जा रहा है कि कतर के दबाव में बीजेपी ने अपने दो पार्टी नेताओं को निलंबित किया है। जबकि नुपुर शर्मा ने अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर माफी भी मांग ली है। विवादित टिप्पणी को लेकर रविवार को कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर गहरी नाराजगी जताई और सख्त कार्रवाई की मांग की। भारत ने इन देशों से कहा है कि इस तरह की टिप्पणियां सरकार के विचार नहीं हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
राजदूत ने उन्हें बताया कि यह किसी तरह से भारत सरकार की भावना नहीं है। ऐसा हाशिये पर खड़े लोगों ने कहा है। भारत अपनी अनेकता में एकता की सांस्कृतिक विरासत के आधार पर सभी धर्मों को उच्चतम आदर देता है। इस तरह की टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जा रही है। संबंधित संगठन ने बयान जारी कर सभी धर्मों को आदर देने और किसी भी धर्म के व्यक्ति के सम्मान को चोट पहुंचाने के कदम की निंदा की है।