पैगंबर मोहम्मद के बारे में एक भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के नेता की विवादित टिप्पणी को लेकर मचा बवाल बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच एक कुवैती सुपरमार्केट ने भारतीय प्रोडक्ट्स पर बैन लगते हुए उन्हें अपनी दुकानों से हटा दिया है, अल-अर्दिया को-ऑपरेटिव सोसाइटी स्टोर में काम करने वालों ने “इस्लामोफोबिक” के रूप में भारत की निंदा की। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणियों का विरोध करते हुए भारतीय चाय और अन्य प्रोडक्ट्स को दुकानों से हटा दिया गया है।
कुवैत में भारतीय प्रोडक्ट्स पर लगा बैन
कुवैत सिटी के ठीक बाहर सुपरमार्केट में, चावल के बोरे और मसालों और मिर्च की अलमारियों को प्लास्टिक से ढक दिया गया है। जिसपर अरबी भाषा में लिखकर एक नोट भी चिपकाया गया हैं, इस नोट में लिखा है कि “हमने भारतीय प्रोडक्ट्स को दूकान से हटा दिया है”। बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान से मुसलमानों में कोहराम मच गया है। साथ ही टीवी पर एक बहस के दौरान नूपुर शर्मा की टिप्पणी को उत्तर प्रदेश में हुई झड़पों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई है।
BJP ने नूपुर शर्मा के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई
वहीं इस पुरे घटनाक्रम को लेकर मुस्लिम देशों में गुस्सा फैल गया है। भाजपा ने रविवार को नूपुर शर्मा पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें “पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार” व्यक्त करने के लिए निलंबित कर दिया है और साथ ही बयान जारी कर कहा है कि “भारत में सभी धर्मों का पूरा सम्मान करता है।” वहीं नूपुर शर्मा ने ट्विटर पर कहा कि उनकी टिप्पणी हिंदू भगवान शिव के खिलाफ किए गए “अपमान” के जवाब में थी। उन्होंने कहा, “अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं बिना शर्त अपना बयान वापस लेती हूं।”
भारत “इस्लामोफोबिक” टिप्पणियों के लिए मांगे माफी
वहीं कतर ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत “इस्लामोफोबिक” टिप्पणियों के लिए माफी मांगे, क्योंकि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए गैस समृद्ध खाड़ी राज्य का दौरा किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार देर रात कतर और कुवैत का साथ देते हुए ईरान ने “भारत सरकार और लोगों” के नाम पर विरोध करने के लिए भारतीय राजदूत को तलब किया था।
पुरे विश्व को घातक युद्धों की तरफ धकेल सकती है टिप्पणी
इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक अल-अजहर विश्वविद्यालय ने कहा कि यह टिप्पणियां “असली आतंकवाद” थीं और “पूरी दुनिया को घातक संकट और युद्धों की तरफ धकेल सकती हैं।” सऊदी स्थित मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने कहा कि टिप्पणी “घृणा को उकसा सकती है।” बताते चलें कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खाड़ी देश भारत के विदेशी कामगारों के लिए एक प्रमुख गंतव्य हैं, वे भारत और अन्य जगहों से उपज के बड़े आयातक भी हैं, व्यापार मंत्री के अनुसार कुवैत अपने भोजन का 95 प्रतिशत आयात करता है।