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केंद्र को भी भाया सुराज अभियान

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में पिछले एक दशक से लगातार वर्ष में एक बार आम लोगों के बीच पहुंचने, उनकी समस्याएं सुनने, विकास कार्यक्रमों की जमीनी हकीकत जानने एवं उनमें लोगों की जरूरतों के अनुसार बदलाब कर सत्ता के खिलाफ आम लोगो में असन्तोष खत्म करने का मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह का सबसे पसंदीदा नायाब कार्यक्रम सुराज अभियान केन्द्र की चार वर्ष पुरानी मोदी सरकार को भी रास आ गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह की कल नई दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की हुई बैठक में देशभर में 14 अप्रैल से पांच मई तक ग्राम सुराज अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इसमें आम लोगो से संवाद स्थापित करने, उन्हें केन्द्र सरकार के कार्यक्रमों एवं उनके लाभों को बताने के लिए केन्द्रीय मंत्री, सांसद, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री विधायक एवं पार्टी पदाधिकारी जायेंगे।

छत्तीसगढ़ में डा.सिंह 14 वर्षों से प्रति वर्ष भीषण गर्मी में चलाए जाने वाले इस अभियान में इन दिनों राज्य के गांवों में हेलीकाप्टर से आकस्मिक रूप से पहुंचकर पेड़ के नीचे चौपाले लगाकर लोगो की समस्याएं सुनने, उन्हें विकास की सौगाते देने और लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों को दंडित करने मे जहां जुटे है, वहीं मोदी सरकार इससे प्रभावित होकर लगभग इसी तर्ज पर अगले लगभग एक माह देशभर में पहुंचने जा रही है।

मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ का सुराज अभियान भले ही अभी रास आया है, लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मई 13 में प्रधानमंत्री मोदी राजनांदगांव में इस अभियान के लिए मुख्यमंत्री डा.सिंह की सार्वजनिक सराहना करते हुए कह चुके है कि इस दौर में जबकि अधिकांश सरकारे एवं उनके मुखिया दो तीन वर्ष में लोकप्रियता गंवा बैठते है और जनता में उनके प्रति जनाक्रोश उमड़ पड़ता है रमन सिंह में साहस है कि वह जनता के बीच जाकर हर वर्ष अपनी सरकार का हिसाब देते है।

छत्तीसगढ़ के सुराज अभियान ने सरकार से जनसंवाद के अनूठे कार्यक्रम के रूप में जहां देश मे अपनी पहचान बनाई है वहीं नवम्बर 2000 में मध्यप्रदेश को विभाजित कर आस्तित्व में आए इस राज्य में लागू कई कार्यक्रमों ने अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाई है। मोदी सरकार की इस वर्ष बजट में घोषित लोगो को पांच लाख तक की मेडिकल बीमा की आयुष्मान योजना भी छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना पर आधारित है जिसमें राज्य के सभी नागरिकों को 50 हजार रूपए की स्मार्ट कार्ड योजना के जरिए सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएफ) की उच्चतम न्यायालय तक ने सराहना की है और देश के लिए एक माडल माना गया है। मुख्यमंत्री डा. सिंह के अनुसार आम लोगो की समस्यायें छोटी छोटी होती है, और जब वह दूर नही होती तो स्वाभाविक है कि उनमें गुस्सा भी खूब होता है। उनकी बात अगर कोई भी शासक सुनेगा, और उनके प्रति गंभीर होगा तो फिर विरोध की कहां बात आती है।

वह इस अभियान के जरिए लोगो की नाराजगी को दूर करने में अब तक सफल रहे है। उन्होने कहा कि वह लोगो से सीधे संवाद में विश्वास करते है। फिलहाल चार वर्ष पूरा कर रही मोदी सरकार को आखिरी वर्ष रमन का सुराज अभियान पसन्द आया है। देखना है कि वह सुराज अभियान के जरिए आम लोगो से संवाद स्थापित करने, उन्हे केन्द्र सरकार के कार्यक्रमों एवं उनके लाभों को बताने में कितना कामयाब होती है।

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