पटना: बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बीएड कॉलेजों में हो रही धांधली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य में बीएड कॉलेज का बड़ा कारोबार चल रहा है और शायद ही राज्य का कोई नेता होगा जिसका बीएड कॉलेज नहीं है।राज्यपाल ने आज यहां नवसृजित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अनुग्रह नारायण कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय युवा महोत्सव ‘इन्द्रधनुष-नयी पीढ़ी : नये रंग’ का उद्घाटन करने के बाद कहा कि राज्य में अधिकांश बीएड कॉलेज किसी न किसी नेता के हैं।
इन कॉलेजों में गैरकानूनी तरीके से दाखिला होता है। यह कहने में उन्हें किसी का डर नहीं है। उन्होंने कहा कि अब बीएड कॉलेजों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा से दाखिला होगा जिससे गलत नामांकन लेने की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। श्री मलिक ने कहा कुछ लोग हैं जो संयुक्त प्रवेश परीक्षा का विरोध कर रहे हैं, लेकिन वह वही करेंगे जो छात्रों के हित में और संविधान के दायरे में होगा। उन्होंने कहा कि विरोध से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। इस वर्ष से बीएड कॉलेजों में नामांकन संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये ही होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि 65 प्रतिशत से भी अधिक युवाओं की आबादी वाले देश में युवाशक्ति ही राष्ट्र को सशक्त और समृद्ध बना सकती है। उन्होंने कहा कि कौशलयुक्त और नैतिक आदर्शों से परिपूर्ण युवा भारत का नवनिर्माण करने में पूरी तरह सक्षम हैं।भारत के स्वर्णयुग का जो इतिहास है, वह वस्तुत: बिहार का ही इतिहास है। बिहार की युवा शक्ति अत्यन्त प्रतिभासम्पन्न, परिश्रमी और तेजस्वी है। बिहार आने के बाद उन्हें आभास हुआ कि यहां के छात्रों में असीम उर्जा है, भारत को शिक्षा के क्षेत्र में यदि अगला नोबेल पुरस्कार मिलता है तो वह बिहार के छात्र ही होंगे। श्री मलिक ने कहा कि गौतम बुद्ध, महावीर, घोषाल, आर्यभट्ट, मंडन मिश्र और भारती मिश्र जैसे अनगिनत महामानवों और विद्वतजनों की बिहार की यह धरती ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से पूरी तरह समृद्ध है।
उन्होंने कहा कि कोई भी देश शिक्षा के बल पर ही सशक्त बन सकता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान तत्कालीन ब्रिटीश प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन के शिक्षा-बजट में कोई कटौती नहीं की थी, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि बड़-बड़ इमारतों, कल-कारखानों, पुल-पुलियों का निर्माण कुछ दिनों के लिए स्थगित किया जा सकता है, लेकिन शिक्षा-व्यय में कटौती कर पूरी एक पीढ़ी को तबाह होते नहीं छोड़ा जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में छात्राएं काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
पढ़ाई-लिखाई, खेलकूद आदि हर क्षेत्र में लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों की तुलना में काफी बेहतर हो रहा है। यह बदलते समय का परिचायक है। उन्होंने अमेरिका की पूर्व विदेश सचिव कॉन्डोलिजा राइस की चर्चा करते हुए कहा कि लिबिया के तत्कालीन शासक कर्नल गद्दाफी भी अमेरिका की ताकत के मूल में इस महिला के योगदान को सर्वोपरि मानते थे। महिला विदेश सचिव की ताकत उसे हासिल तालीम ही थी।
श्री मलिक ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को राजभवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों को भी आमंत्रित कर पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए‘कुलपतियों की बैठक’में लिये गये निर्णयों के आलोक में कई कार्यक्रम कार्यान्वित हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को एकेडमिक एवं परीक्षा-कैलेण्डर तैयार कर उसके अनुरूप समयबद्ध रूप से सत्र-संचालन करने को कहा गया है। नया पाठ्यक्रम आधुनिक जरूरतों के मुताबिक तैयार कर कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था की जा रही है तथा सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया है साथ ही, सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्राओं के लिए गर्ल्स कॉमन रूम एवं वाश रूम की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है,
जिसके लिए धन की कोई कमी सरकार नहीं होने देगी। श्री मलिक ने कहा कि सिर्फ एक को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों में छात्र-संघ चुनाव सम्पन्न कराये जा चुके हैं। जिससे विश्वविद्यालयीय समस्याओं के निराकरण में सहूलियत होगी। तथा नये युवा नेतृत्व भी विकसित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव को लेकर पहले काफी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी लेकिन छात्रों ने सभी आशंकाओं को दूर कर दिया। पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव सभी विश्व-विद्यालयों के लिए मानक है।
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