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मोरबी पुल हादसे पर SIT की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, मोरबी पुल गिरने से पहले ही टूट चुके थे

गुजरात में कुछ महिने पहले मोरबी पुल हादसा हुआ था जहां सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हुए थे। जिसके बाद सरकार ने इस पुल के हादसे की वजह पता लगाने के लिए SIT गठित की थी और उससे इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी और अब इसकी रिपोर्ट आ चुकी है

गुजरात में कुछ महिने पहले मोरबी पुल हादसा हुआ था जहां सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हुए थे। जिसके बाद सरकार ने इस पुल के हादसे की वजह पता लगाने के लिए SIT गठित की थी और उससे इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी और अब इसकी रिपोर्ट आ चुकी है। जहां एसआईटी की जांच में पुल के ढहने के प्राथमिक कारणों का पता चला है। एसआईटी का कहना है कि ओरेवा कंपनी और मोरबी नगर पालिका के बीच समझौते के लिए जनरल बोर्ड की पूर्वानुमति जरूरी थी। समझौते में ओरेवा कंपनी, मुख्य अधिकारी नगरपालिका, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के हीं हस्ताक्षरकर्ता थे।
रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे 
Gujarat Morbi Bridge Collapse News Updates PM Modi will go to Morbi  tomorrow, nine people in custody after FIR on maintenance company
साथ ही एसआईटी ने कहा कि जनरल बोर्ड की पूर्व सहमति भी नहीं मांगी गई और समझौते के बाद हुई जनरल बोर्ड की बैठक में भी सहमति का मुद्दा नहीं उठाया गया। मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी को सामान्य बोर्ड की पूर्व स्वीकृति के बिना समझौता नहीं करना चाहिए था। एसआईटी की रिपोर्ट में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 
मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले मेन केबल और वर्टिकल सस्पेंडर की जांच नहीं
Morbi Latest News, Updates in Hindi | मोरबी के समाचार और अपडेट - AajTak
एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी पता चला कि मोरबी नगर पालिका मुख्य अधिकारी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने समझौता के मुद्दे को ठीक से नहीं लिया। बिना सक्षम तकनीकी विशेषज्ञ व परामर्श के किया गया मरम्मत कार्य किया। मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले मेन केबल और वर्टिकल सस्पेंडर की जांच नहीं हुई। 49 में से 22 केबल पहले ही काटे जा चुके थे, यह दर्शाता है कि ये तार पुल गिरने से पहले ही टूट गए थे। हादसे में बाकी 27 तार टूट गए। पुराने सस्पेंडर को नए सस्पेंडर से जोड़ा गया। ऑरेवा कंपनी ने एक अक्षम एजेंसी को काम आउटसोर्स किया था।
जयसुख पटेल ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था
बता दें कि पिछले साल मोरबी में पुल टूटने की घटना में आरोपी ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। पिछले साल 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी शहर में पुल के टूट जाने से कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। पटेल की कंपनी पर पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी थी। पटेल ने मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) एम जे खान की अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया था, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अदालत ने कारोबारी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया और इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
 
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