नई दिल्ली: देश में बोफोर्स तोप की तर्ज पर बनी धनुष तोप में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोप लगे हैं कि एक कंपनी ने धनुष तोप में लगने वाले कलपुर्जे मेड इन जर्मनी के नाम पर सप्लाई किए, लेकिन वो सामान दरअसल चीन में बना हुआ था। ‘सिद्ध सेल्स सिंडीकेट’ के अलावा सीबीआई ने धनुष तोपों के लिए चीन में बने नकली कल-पुर्जे की बतौर ‘मेड इन जर्मनी’ आपूर्ति किए जाने को लेकर ‘गन्स कैरिज फैक्टरी’ (जीसीएफ)- जबलपुर के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।

धनुष को बोफोर्स तोप का देसी वर्जन कहा जाता है। धनुष तोप 38 किलीमीटर तक देश के दुश्मनों को मिट्टी मिला देने के लिए तैयार कई गई है, लेकिन इस तोप के निर्माण में ऐसा खुलासा हुआ है जो हैरान कर रहा है। आरोप लगे हैं कि एक कंपनी ने मेड इन जर्मनी के नाम पर धनुष के लिए चीनी कलपुर्जे सप्लाई किए हैं।
CBI ने धनुष के लिए मेड इन चाइना पार्ट्स सप्लाई करने पर एफआईआर दर्ज की है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक जिस कंपनी पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है वो दिल्ली बेस्ड है और उसका नाम सिध सेल्स सिंडिकेट है।

क्या है पूरा मामला ?
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, बोफोर्स तोप के देशी वर्जन धनुष में इस्तेमाल के लिए चार बेयरिंग के ऑर्डर के लिए टेंडर मंगाए गए थे। किसी घूमनेवाली मशीन के अंग को संभालने के लिए बेयरिंग का उपयोग होता है। 2013 में 35.38 लाख रुपए का ऑर्डर सिध सेल्स सिंडिकेट को दिया गया था। 27 अगस्त 2014 को इस ऑर्डर को रिवाइज्ड किया गया और 4 की जगह 6 बेयरिंग का ऑर्डर दिया गया। कीमत भी बढ़ाकर 53.07 लाख रुपए कर दी गई।
कंपनी ने अप्रैल 2014 से अगस्त 2014 के बीच दो-दो की खेप में ये बेयरिंग सप्लाई कर दिए, लेकिन सीबीआई ने जांच की तो पता चला कि जो बेयरिंग सप्लाई किए गए वो बताए तो मेड इन जर्मनी थे लेकिन हकीकत में वो मेड इन चाइना थे। खास बात ये है कि इन्हें मेड इन जर्मनी बताने के लिए कंपनी ने फेक लेटरहेड का इस्तेमाल किया। धनुष तोपें भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम तोप है। लिहाजा, सरकार ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है।