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गृह मंत्रालय ने BSF के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पदों से हटा दिया है। डीजी BSF नितिन अग्रवाल और स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को उनके पदों से हटाकर उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया है। डीजी BSF नितिन अग्रवाल को उनके पद से हटाकर उन्हें केरल कैडर में वापस भेज दिया गया है। अग्रवाल ने BSF के डीजी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और सीमा सुरक्षा बल की कार्यक्षमता को मजबूत किया। हालांकि, गृह मंत्रालय के आदेश के तहत उन्हें अब उनके मूल कैडर में वापस भेजा गया है।
स्पेशल DG YB खुरानिया को भी गृह मंत्रालय के आदेश के तहत उन्हें उनके मूल कैडर ओडिशा वापस भेज दिया गया है। खुरानिया ने BSF में विभिन्न उच्च पदों पर रहते हुए अपनी सेवाएं दी हैं और सीमा सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर अपना योगदान दिया है। लेकिन अब उन्हें भी उनके मूल कैडर में वापस भेजा गया है। जम्मू कश्मीर में पिछले 1 साल से हो रही लगातार आतंकियों की घुसपैठ डीजी BSF और स्पेशल डीजी BSF को हटाने की मुख्य वजह है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ को लेकर भारत सरकार का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक एक्शन है जिसमें वरिष्ठतम अधिकारियों पर गाज गिरी है।
पिछले 1 महीने में इन दोनों अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल का दौरा किया था और अहम बैठकों में हिस्सा लिया था। इसके अलावा पंजाब सेक्टर से लगातार हो रही आतंकी घुसपैठ को प्रभावशाली ढंग से ना काबू पाना भी इस सबसे बड़े एक्शन की बड़ी वजह है। बीएसएफ में उच्चस्तरीय अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद, अब यह देखना होगा कि नए नियुक्त अधिकारी कैसे कार्यभार संभालते हैं और बल की कार्यक्षमता को कैसे बढ़ाते हैं। इस बदलाव के बाद, BSF के संचालन और रणनीतियों में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पिछले कई सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब 2 वरिष्ठतम अधिकारियों को इस तरीके से हटाया गया है जो किसी अर्धसैनिक बलों को लीड कर रहे थे। यह घटना सुरक्षा बलों के अंदर की संरचना और प्रशासनिक निर्णयों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।