महाराष्ट्र में जिस तरह से पिछले दिनों सियासत को लेकर उथलपुथल मची हुई थी, उसका असर अभी भी वहां देखने को मिल रहा है। पहले पार्टी के कुछ विधायकों ने बगावत करके उद्धव ठाकरे की सरकार गिरा दी और अब पार्टी के कुछ सांसदों ने भी पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से नयी डिमांड कर दी है। जिसके बाद, अब देखना यह हैं की शिवसेना प्रमुख अपने सांसदों की बात मानते हैं या नही।
दरअसल, शिवसेना में फिर से घमासान राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मचा है। बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है, जिन्हे कई विपक्ष पार्टियों का भी पूर्ण समर्थन मिल रहा है। जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है। इसी बात को लेकर अब शिवसेना में यह सवाल उठने लगा हैं की पार्टी किसे अपना समर्थन देंगे। क्योकि शिवसेना के कई सासंद द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देना चाहते हैं, जबकि सभी जानते हैं की अब शिवसेना और बीजेपी के रिश्ते में खटास आ चुकी हैं, जिस वजह से उद्धव ठाकरे बीजेपी का सपोर्ट नहीं करना चाहते है।
मीटिंग में नहीं पहुंचे कई सांसद
मुंबई में पिछले दिनों शिवसेना विधायकों और सांसदों की एक मीटिंग हुई थी, जिसमे शिवसेना सांसद संजय राउत भी शामिल हुए थे. राउत की तरफ से यशवंत सिन्हा को सपोर्ट देने की बात कही गई। जबकि, कई सांसदों ने बैठक में अपना पक्ष रखते हुए कहा की पार्टी को अभी अपने नाराजगी को दरकिनार रखते हुए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए वही राउत ने सांसदों के इस तर्क का जवाब देते हुए कहा की इस राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना की तरफ से विपक्ष के साझा उम्मीदवार का समर्थन किया जाना चाहिए।
हालांकि अब सारा निर्णय पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को लेना हैं की वो किसका समर्थन करते है। उम्मीद हैं की उद्धव ठाकरे विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ही अपना समर्थन देंगे वैसे इस मीटिंग में ८ सांसद नहीं पहुंचे थे, जिसपर भी सवाल उठ रहा है। इसपर अब केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने दावा किया कि शिवसेना के 12 सांसद शिंदे कैंप के संपर्क में है।