भारतीय सेना ने आज दो टूक शब्दों मे कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। सेना ने यहां जारी बयान में कहा कि पाकिस्तान के अनुरोध पर दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों की बातचीत हुई जिसमें भारत के सैन्य संचालन महानिदेशक ए के भट ने यह बात कही।
ले. जनरल भट ने कहा सीमा पर हो रहे व्यापक नुकसान का मुख्य कारण यह है कि पाकिस्तान सेना नियंत्रण रेखा से घुसपैठ करने में आतंकवादियों की मदद कर रही है और इसके लिए वही जिम्मेदार है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान सेना की ओर से आतंकवाद को दिया जा रहा समर्थन अस्वीकार्य है और भारतीय सेना भविष्य में भी पाकिस्तान की आक्रामक एवं उकसावे की कार्रवाइयों का करारा जवाब देगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च पेशेवराना मानकों का पालन करती है और नागरिकों को निशाना नहीं बनाती है। इसके उलट पाकिस्तान सेना ने अपनी अग्रिम चौकियों पर नागरिकों को तैनात कर रखा है और चौकियों के आसपास नागरिकों को स्थायी ठिकाना बनाने की अनुमित दे रखी है। वह इन नागरिकों का इस्तेमाल हमारे ठिकानों की सूचना देने तथा घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को रास्ता बताने के काम के लिए कर रही है।
पाकिस्तान के डीजीएमओ ने आरोप लगाया कि भारतीय सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा पर बिना उकसावे की कार्रवाई की है। ले. जनरल भट ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग कर रही है और सशस्त्र आतंकवादियों को एलओसी पर घुसपैठ करने में मदद कर रही है, जिसका जवाब भारतीय सेना दे रही है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने इस माह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत पर संघर्ष विराम उल्लंघन के आरोपों को लेकर गुहार लगायी थी। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सेना ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर वर्ष 2016 के 228 के मुकाबले इस वर्ष सितंबर तक 600 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।