पटना : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा एवं स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति प्रयासरत है। जल्द ही बिहार स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश के गिने-चुने छह राज्यों से आगे होगी। यहां मृत्यु दर में कमी आयी है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की संख्या में इजाफा हुआ है । सूचना भवन में पत्रकारों को संबोधित कर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में प्राइवेट एवं सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 12 थी जिसमें आईजीएमएस, एम्स समेत आठ सरकारी कॉलेज थे।
इसके अलावे बिहार में 13 और मेडिकल कॉलेज अस्पताल खुलेंगे। बिहार में खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। मधेपुरा स्थित स्व. कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय में अगले साल से पढ़ाई शुरू हो जायेगी। नालंदा जिला के रहुई में 404 करोड़ की लागत से प्रदेश का सबसे बड़ा डेंटल कॉलेज अस्पताल खुलेगा। इस अस्पताल में बेड की संख्या 100 होगी।
दो मेडिकल कॉलेज छोड़कर सभी मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन शुरू हो गया है। वहीं तीन माह के अन्दर सभी मेडिकल कॉलेज मे यह कार्यरत हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी पद्धति के अलावे आयुर्वेदिक यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा को बढ़ावा की दिशा में राज्य सरकार काम कर रही है। इस सरकार में आयुष मिशन का गठन किया गया।
टीकाकरण के क्षेत्र में 35 प्रतिशत से बढ़ोतरी होकर 84 प्रतिशत हुआ है वहीं राज्य सरकार का इस क्षेत्र में 90 प्रतिशत का लक्ष्य है। जिसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा। गर्भ निरोधक के तहत अंतरा इंजेक्शन दिया जा रहा है। अभी तक 35 हजार 661 लोगों को गर्भ निरोधक का इंजेक्शन दिया गया।
अनुमंडल स्तर पर खुलने वाला नर्सेज क्लासेज में 10एएनएम एवं पांच जीएनएम कॉलेज खुला है जहां अगले सत्र से पढ़ाई शुरू होगी। प्रदेश में रोगियों को अस्पताल लाने एवं घर पहुंचाने के लिए 932 एम्बुलेंस कार्यरत है। चिकित्सीय सुविधा शिकायत एवं परामर्श के लिए चालू टॉल फ्री नम्बर 104 पर लोग शिकायत कर सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, लोकेश सिंह, अपर सचिव राधेश्याम सिंह, डा. करूणा समेत अन्य उपस्थित थे।
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