दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के नेतृत्व में चले ‘सीएए’ विरोधी प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा रहीं बिलकिस ने गुरुवार को कहा कि टाइम पत्रिका में 2020 के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में उन्हें शामिल किये जाने से वह खुश हैं, लेकिन यदि उनकी मांग मान ली जाती तो वह कहीं अधिक खुशी होती।
नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के विरोध में पिछले साल दिसंबर की कड़ाके की सर्दी के दौरान बिलकिस उनकी सहेली आस्मा खातून और सरवरी हर दिन प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहीं थी। उनकी तिकड़ी को सोशल मीडिया पर ‘शाहीन बाग की दादियां’ नाम दिया गया था। बिलकिस के बेटे मंजूर अहमद ने कहा, जब हमने उन्हें यह बताया कि उन्हें दुनिया की सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक घोषित किया गया है, उन्होंने बस यह कहा कि ‘‘ठीक है।’’
अहमद ने बताया कि परिवार जितनी उनकी (बिलकिस की) प्रतिक्रिया उत्साहपूर्ण नहीं थी। बिलकिस ने कांपती आवाज में कहा, ‘‘मैं ख़ुदा की शुक्रगुजार हूं। यदि हमारी मांग पूरी हो जाती तो मुझे कहीं अधिक खुशी होती...यदि सरकार ने हमारी सुनी होती और हम जो चाहते थे (सीएए को वापस लिया जाना) वह हमें दे दिया जाता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुखद है कि हमें प्रदर्शन को महामारी (कोविड-19) के कारण स्थगित करना पड़ा। मैं वहां अंत तक थी।’’ अहमद ने बताया कि उनकी मां पिछले साल दिसंबर में बीमार पड़ गई थी लेकिन वह प्रदर्शन स्थल पर जाती रहीं। वहां इतनी ज्यादा सर्दी थी और उन्हें बुखार था, फिर भी वह अन्य महिलाओं का समर्थन करने वहां गई। अहमद ने बताया कि उनके परिवार की सभी महिलाओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
सीएए वापस लेने की मांग को लेकर शाहीन बाग प्रदर्शन 100 से अधिक दिनों तक चला। कोविड-19 महामारी शुरू होने और इसके प्रसार को रोकने के लिये सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा किये जाने पर इस साल मार्च में यह समाप्त हो गया। टाइम पत्रिका की सूची में भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अभिनेता आयुष्मान खुराना भी शामिल हैं।