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बर्ड फ्लू : देश के विभिन्न राज्यों में अलर्ट, केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू किया गया

देश के विभिन्न राज्यों को बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को अलर्ट कर नमूनों को जांच के लिये भेज दिया गया जबकि केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है।

देश में कोरोना पर काबू पाने के लिए जद्दोजहद जारी है, वहीं अब एक और खतरनाक बीमारी का आगाज हो गया है। बर्ड फ्लू की शुरूआत पक्षियों से होती है। बर्ड फ्लू चिकन से तेजी से फैलता है। देश के विभिन्न राज्यों को बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को अलर्ट कर नमूनों को जांच के लिये भेज दिया गया जबकि केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा के पंचकूला जिले की फर्म में बीते 10 दिन के दौरान चार लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। 
उन्होंने कहा कि जालंधर की स्थानीय रोग जांच प्रयोगशाला की एक टीम ने पक्षियों के नमूने एकत्रित कर लिये हैं। वहीं, केरल में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मंगलवार को मारना शुरू कर दिया गया जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फ्लू के मामले रिपोर्ट होने के बाद जम्मू कश्मीर ने अलर्ट घोषित कर दिया है और प्रवासी पक्षियों के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं। केरल में पक्षियों के संक्रामक रोग के प्रकोप के बाद पड़ोसी कर्नाटक और तमिलनाडु ने निगरानी बढ़ा दी है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केरल में फ्लू के कारण करीब 1700 बत्तखों की मौत हो गई है। 
मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के रेसीडेंसी क्षेत्र में आठ दिन पहले मृत कौओं में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस की पुष्टि होने के बाद अब तक शहर में इसी प्रजाति के 155 पक्षी मरे पाए गए हैं। राजस्थान में झालावाड़ के बाद कोटा और बारां के पक्षियों में भी संक्रमण पाया गया है। महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है। महाराष्ट्र की सीमा मध्य प्रदेश से लगती है। 
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हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने प्रदेश में पोल्ट्री पक्षियों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को कांगड़ा जिले के पोंग डैम लेक अभयारण्य के आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया। इससे एक दिन पहले मृत प्रवासी पक्षियों के नमूनों में एच5एन8 पाया गया था। 
हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं। उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम में प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया। दोनों जिलों से भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के एक दिन बाद यह अभियान शुरू किया गया है। 
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन द्वारा गठित त्वरित प्रतिक्रिया दल ने सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत मंगलवार सुबह से दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर की परिधि में बत्तखों, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने की कार्रवाई शुरू कर दी। अलप्पुझा जिला प्रशासन ने कहा कि कुट्टनाड क्षेत्र की चार पंचायतों नेदुमुदी, तकाजी, पल्लिप्पद और करुवत्ता में अभियान शुरू किया गया, जिसके बुधवार शाम तक पूरा होने की संभावना है। इन्हीं इलाकों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। 
एक अधिकारी ने कहा कि अकेले करुवत्ता पंचायत क्षेत्र में ही करीब 12,000 पक्षियों को मारा जाएगा। प्रशासन के मुताबिक, कोट्टायम जिले की प्रभावित नींदूर पंचायत में अब तक करीब 3,000 पक्षियों को मारा जा चुका है। नींदूर के एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू के कारण करीब 1,700 बत्तखों की मौत हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए कुट्टनाड क्षेत्र में ही करीब 40,000 पक्षियों को मारा जाएगा। हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है, क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है। 
अलप्पुझा के जिलाधिकारी ने कुट्टनाड और कार्थिकपल्ली तालुकाओं में मुर्गी और बत्तख समेत अन्य घरेलू पक्षियमांस, अंडों आदि की बिक्री और कारोबार पर रोक लगा दी है। 
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मध्य प्रदेश के इन्दौर में बर्ड फ्लू की आहट 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत पाए गए थे। इनमें से दो कौओं के नमूने की भोपाल की एक प्रयोगशाला में जांच कराई गई तो इनमें एच5एन8 की पुष्टि हुई थी। मध्य प्रदेश के पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक प्रमोद शर्मा ने मंगलवार को बताया, “पिछले आठ दिन के दौरान हमें रेसीडेंसी क्षेत्र के आस-पास कुल 155 कौए मरे मिले हैं। हमें लगता है कि इनकी मौत भी बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस से हुई है क्योंकि इस इलाके के मरे कौओं में इस बीमारी की पुष्टि पहले ही हो चुकी है।” 
उन्होंने बताया, “शहर में अब तक कौओं के अलावा किसी भी अन्य प्रजाति के पक्षी में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है।” शर्मा ने बताया कि शहर के अलग-अलग इलाकों से 120 जीवित मुर्गे-मुर्गियों और सिरपुर तालाब क्षेत्र के 30 प्रवासी पक्षियों की बीट के नमूने लेकर इन्हें बर्ड फ्लू की जांच के लिए भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजा गया है। इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रेसीडेंसी क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण जारी है, लेकिन अब तक किसी भी मनुष्य में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। 
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बीच जम्मू-कश्मीर ने भी अलर्ट जारी किया है। साथ ही सर्दियों के मौसम में केंद्र शासित प्रदेश में आए मेहमान पक्षियों की जांच के लिए नमूने एकत्र करने शुरू कर दिए हैं।
जम्मू- कश्मीर में अधिकारियों ने बताया कि पशुपालन एवं वन्यजीव विभाग के संयुक्त दलों ने मंगलवार को जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर स्थित घराना वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का दौरा किया और जांच के वास्ते 25 पक्षियों के नमूने एकत्र किए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई पक्षी घातक वायरस की चपेट में तो नहीं है? 
तमिलनाडु सरकार ने पड़ोसी राज्य केरल में बर्ड फ्लू का प्रकोप होने के बाद मंगलवार को अंतरराज्यीय सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है तथा इससे मनुष्यों के प्रभावित होने के संभावित मामलों से निपटने के लिए आकस्मिक योजना की घोषणा की है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘एवियन इन्फ्लुएंजा तेजी से फैलता है और मनुष्यों के भी इससे प्रभावित होने की आशंका होती है। इसलिए एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने आकस्मिक योजना तैयार की है।’’ 
कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र से लगने वाली सीमा पर स्थित जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। राजस्थान के अधिकारियों ने बताया कि कोटा और बांरा जिलों के पक्षियों के नमूनों के जांच परिणामों में भी एवियन इंफ्लूएंजा पाया गया है। राज्य के कृषि और पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य के तीन जिलों–झालावाड़, कोटा और बारां– में एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण पाया गया है और वायरस अन्य जगहों पर भी फैल रहा है जो चिंता का विषय है। अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों में मंगलवार सुबह तक पक्षियों की मौत का आंकड़ा 625 पहुंच गया। 11 जिलों के 86 नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है।

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