गुजरात सरकार द्वार गठित एसआईटी की रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपए दिए थे। उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को गिराने और पीएम मोदी को फंसाने के लिए जो कुछ भी किया, वह कांग्रेस के इशारे पर किया गया था।
संबित पात्रा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं कि गुजरात दंगे में जिस प्रकार से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने, उन्हें अपमानित करने की चेष्ठा उस समय की रूलिंग राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने की थी और अब समय के साथ धीरे-धीरे सच्चाई सामने आ रही है।
उन्होंने कहा कि जो कुछ भी किया वह सिर्फ गुजरात और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया था। यह पूरी साजिश सत्ता पाने के लिए रची गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी तिजोरी से तीस्ता सीतलवाड़ को पर्सनल यूज के लिए पैसे दिए थे।
पूरे खेल के पीछे सोनिया गांधी
संबित पात्रा ने कहा, इस पूरे खेल को अहमद पटेल ने अंजाम दिया था, लेकिन इसके पीछे सोनिया गांधी ही थीं। दरअसल, अहमद पटेल उस समय कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे। पात्रा ने कहा कि 30 लाख रुपए की पहली किश्त दी, जो सोनिया गांधी जी ने तीस्ता सीतलवाड़ को दिए और ये पैसे अहमद पटेल जी ने पहुंचाए थे और ये तो सिर्फ पहली किश्त थी, इसके बाद ना जाने कितने करोड़ों रुपए दिए गए।
उन्होंने कहा कि चोरी-चोरी, चुपके-चुपके रात के अंधेरे में ये सभी षड्यंत्रकारी संजीव भट्ट, तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार अहमद पटेल के घर पर मिले। उसके बाद कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं से मिले, सिर्फ इसलिए ताकि वो गुजरात की सरकार को गिरा सकें और नरेंद्र मोदी की छवि को खराब कर सकें।
क्या है SIT के दावे, जिसको लेकर हमलावर हुई BJP?
दरअसल, एसआईटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस से फंड मिला था। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीतलवाड़ 2002 में गोधरा में ट्रेन जलने की घटना के तुरंत बाद गुजरात में निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के लिए एक बड़ी साजिश रच रही थीं। यही नहीं इसके लिए उन्हें प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के एक बड़े नेता से वित्तीय सहायता भी मिली थी।
एसआईटी के मुताबिक, आरोपी सीतलवाड़ ने शुरू से ही इस षड़यंत्र का हिस्सा बनना शुरू कर दिया था। उन्होंने गोधरा ट्रेन की घटना के कुछ दिनों बाद ही अहमद पटेल के साथ बैठक की थी और पहली बार में उन्हें पांच लाख रुपये दिए गए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निर्देश पर एक गवाह ने उन्हें पैसे दिए।