पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम का रण कुछ महीने पहले ही थमा था कि अब भवानीपुर उपचुनाव को लेकर एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में भयानक युद्ध छिड़ गया है। भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता दिलीप घोष पर कथित हमले को लेकर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ता ''राज्य प्रायोजित'' हिंसा में शामिल हैं।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि हाल ही में विधानसभा चुनावों में पार्टी की लगातार तीसरी जीत के बाद से तृणमूल कांग्रेस के आचरण ने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा घोष के साथ कथित तौर पर बदसलूकी का जिक्र करते हुए कहा, यह सब टेलीविजन पर देखा जा सकता है, और यह बहुत परेशान करने वाला है। जो हुआ उसने लोकतंत्र की छवि खराब की है।’’
राज्यसभा सदस्य बलूनी ने कहा, तृणमूल अपने प्रतिद्वंद्वियों को समान मौका नहीं दे रही है। हमारे नेताओं को प्रचार करने भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि तृणमूल के गुंडे राज्य प्रायोजित हिंसा में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि जब घोष जैसे नेता, जिन्हें सुरक्षा मुहैया करायी गयी है, को इस तरह के हमलों का सामना करना पड़ता है, तो आम आदमी की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष के साथ कथित तौर पर बदसूली की गयी वहीं पार्टी सांसद अर्जुन सिंह के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने 'वापस जाओ' के नारे लगाए जब वे सोमवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भबानीपुर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार कर रहे थे। भबानीपुर सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार का मुकाबला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से है। इस बीच तृणमूल ने आरोप लगाया कि घोष के अंगरक्षक ने भीड़ को डराने के लिए हथियार लहराए थे।
