बीजापुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में आठ लाख रुपए के इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि आठ लाख रूपए के इनामी नक्सली और सप्लाई टीम का कमांडर प्रशांत मोडियाम उर्फ सोनू (25) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोडियाम बचपन से बाल संघम के रूप में कार्य कर रहा था। उसे वर्ष 2007 में मिलिशिया सदस्य के रूप में भर्ती किया गया। बाद में उसे प्लाटून नंबर 12 का सदस्य बनाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रशांत को वर्ष 2008 में सप्लाई टीम का डाक्टर नियुक्त किया गया तथा वर्ष 2011 में उसे ओडिशा भेज दिया गया। वहां वह दूसरे सदस्यों को भी डाक्टर की ट्रेनिंग देता था। वर्ष 2013 में उसे डाक्टर कमांडर के रूप में पदोन्नति दी गई। प्रशांत वर्ष 2007 से वर्ष 2019 के दौरान ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रशांत के खिलाफ वर्ष 2007 में पामलवाया गांव के करीब सीआरपीएफ के दल पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में पांच जवान शहीद हो गए थे। वहीं वर्ष 2009 में नयागढ़ में ट्रेनिंग मुख्यालय में लूट की घटना में शामिल होने का भी उस पर आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उसके खिलाफ वर्ष 2010 में सुकमा जिले के भेज्जी गांव में सीआरपीएफ के शिविर में हमले की घटना में शामिल होने का आरोप है। इस घटना में तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
उन्होंने बताया कि प्रशांत के खिलाफ कई अन्य नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कमांडर प्रशांत ने नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर तथा माओवादियों की खोखली विचारधारा से क्षुब्ध होकर नक्सलवाद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी को प्रोत्साहन के रूप में 10 हजार रूपए नगद प्रदान किया गया है। तथा राज्य शासन की पुनर्वास नीति के तहत उसकी सहायता की जाएगी।