कुम्भ को लेकर कांग्रेस नेता उदित द्वारा दिए गए एक बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सत्ताधारी बीजेपी ने उनके इस बयान पर पूरी कांग्रेस की मानसिकता को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। उदित ने धार्मिक आयोजनों में सरकारी खर्चे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कुंभ मेले में सरकार द्वारा 4200 करोड़ रुपये खर्च किया जाना गलत है।
उनके इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने निशाना साधते हुए कहा कि यह गांधी परिवार की सच्चाई है। उन्होंने ट्वीट किया, ”मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई ..पहले एफिडेबिट देकर सुप्रीम कोर्ट में कहा था ‘भगवान श्रीराम मात्र काल्पनिक हैं ..उनका कोई अस्तित्व नहीं’ और अब प्रियंका वाड्राजी का कहना है की कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए!! तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका ‘सुविधा-वादी’ हिंदू है।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी उदित राज के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाएं नहीं हैं। जब किसी कार्यक्रम में करोड़ों लोग आते हैं, तो सरकार को उनके लिए इ्ंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना और सुविधाएं देना होता है। इस तरह के आयोजनों से बुनियादी ढांचे के विकास के अवसर मिलते हैं।
बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने भी उदित के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के बयान से स्पष्ट है यदि कांग्रेस कुछ दिन और सरकार में रह जाती तो यह कुम्भ भी बंद कर देते, बरसाना की होली भी बंद कर देते, अयोध्या का दीपोत्सव भी बंद कर देते और काशी-मथुरा भी बंद कर देते।
उदित के बयान पर भड़का संत समाज
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कांग्रेस नेता उदित राज के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि उदित राज का बयां कांग्रेस की हिन्दू विरोधी, सनातन विरोध सोच का प्रतीक है और उसी का परिणाम है। जैसा शीर्ष नेता होते हैं वैसा ही मूल होता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व वर्तमान काल में हिन्दू विरोधी हो चुका है। अगर देश में कहीं किसी संत की हत्या होती है तो उस पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं की जाती है। दरअसल, कांग्रेस नेता उदित राज ने कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी पैसे के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुप नहीं खर्च करने चाहिए। हालांकि विवाद बढ़ने पर उदित राज ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया।