पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को भाजपा पर राज्य में ‘सांप्रदायिक जहर’ फैलाकर चुनाव जीतने और निर्वाचन आयोग पर भगवा पार्टी के हित में काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘मैं जरूर कहूंगी, युद्ध और प्यार में कुछ भी नाजायज नहीं है। भाजपा ने जो किया, वह अपना हित साधने के लिए किया। इसलिए मैं सराहना करती हूं कि उन्होंने सांप्रदायिक जहर फैलाकर जीत हासिल की।’
पार्टी की आपात बैठक के बाद ममता ने कहा, ‘विजेता हमेशा विजेता होते हैं। वे अपनी राजनीति में सफल रहे। हम अपनी राजनीति में सफल नहीं रहे।.. आखिरकार, लोकतंत्र में लोग इन परिणामों पर विश्वास कर लेंगे।’
बैठक चुनाव परिणामों में भाजपा के स्तब्ध कर देने वाले प्रदर्शन के दो दिन बाद बुलाई गई। भाजपा को राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल हुई है, जबकि पांच साल पहले इसे मात्र दो सीटें मिली थीं।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को पिछले चुनाव में 34 सीटें मिली थीं, जबकि इस बार मात्र 22 सीटों से संतोष करना पड़ा।
ममता ने निर्वाचन आयोग पर बिफरते हुए कहा, ‘इसने पूरी तरह उनके (भाजपा) हित में काम किया। हमारी किसी शिकायत को न्याय नहीं मिला।’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने लगभग पांच महीने पहले जनवरी में प्रशासन संभाला।
ममता ने कहा, ‘पांच महीने से हमें काम नहीं करने दिया गया। मैंने उन सभी अफसरों से कहा जो अब आयोग के अधीन हैं। मुझे नहीं लगता कि यह परिदृश्य भारत में कहीं भी बना होगा, मगर बंगाल में सचमुच ऐसा हुआ। यहां इमरजेंसी जैसे हालात पैदा किए गए। बंगाल को निशाना बनाया गया।’
उन्होंने कहा, ‘इस चुनाव में ये सब सिर्फ मेरे कारण किया गया। लोगों की दुआ से, सबकुछ के बावजूद हमारे वोट चार फीसदी बढ़े। सीटें घटीं, लेकिन मत प्रतिशत बढ़ा।’