महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला। राहुल ने कहा कि हम महंगाई और बेरोज़गारी के मुद्दे को संसद में उठाना चाहते हैं लेकिन हमें बोलने नहीं दिया जाता। उनके इस आरोप पर बीजेपी की तरफ से पलटवार किया गया है। बीजेपी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी पर जब चर्चा होती है तो राहुल आते नहीं है, सदन से बाहर चले जाते हैं।
राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अभी हम लोगों ने राहुल गांधी जी की प्रेस वार्ता देखी। राहुल गांधी घबराए और सहमे हुए हैं। जब भी महंगाई पर चर्चा होती है, तो राहुल गांधी चर्चा में आते नहीं, सदन में वॉक आउट कर जाते हैं। निर्मला जी ने सदन में विस्तार से उत्तर दिया कि कोविड की समस्या के बावजूद भारत की आर्थिक व्यवस्था दुनिया के कई देशों की तुलना में बेहतर है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी ने आज साफ झूठ बोला है। दो दिन पहले जब सदन में चर्चा हुई तो उसमें कांग्रेस के लोगों ने भाग लिया या नहीं? बहुत तीखे और निम्न स्तर के आरोप लगाए या नहीं? महंगाई और बेरोजगारी की चर्चा तो एक बहाना है। सही वजह है ईडी को डराना, धमकाना और परिवार को बचाना।
हिंदुस्तान में आज लोकतंत्र नहीं है बल्कि 4 लोगों की तानाशाही : राहुल गांधी
रविशंकर ने कहा, राहुल गांधी की दादी ने देश में आपातकाल लगाया था। आपातकाल में बड़े-बड़े पत्रकारों को जेल भेजा था। राहुल गांधी की दादी जी ने प्रतिबद्ध न्यायपालिका की बात की थी। आपको कुछ याद है? आप हमें लोकतंत्र की नसीहत देते हैं। क्या आपकी पार्टी में लोकतंत्र है?
कांग्रेस का लोकतंत्र, भ्रष्टाचारतंत्र
कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, कांग्रेस का लोकतंत्र, भ्रष्टाचारतंत्र था। आज पीएम नरेंद्र मोदी की अगवाई में सत्ता के गलियारों में बिचौलियों के लिए दरवाजे बंद हैं। डिफेंस डील में कोई कट नहीं लगता। कांग्रेस और उनका भ्रष्टाचारी तंत्र इससे परेशान है। इसी की व्यथा राहुल गांधी की बातचीत में दिखती है।
झूठ नहीं बोलते, तो बेल पर क्यों?
बीजेपी नेता ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि वो झूठ नहीं बोलते, तो वे बताएं कि वो बेल पर क्यों हैं। नेशनल हेराल्ड अखबार किसी कारण से नहीं चल पाया। 80 करोड़ रुपये से ऊपर की देनदारी थी। 2010 में एसोसिएटेड जनरल ने इसका पूरा शेयर यंग इंडिया को दे दिया।