नयी दिल्ली : भाजपा ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी दलों की मंगलवार को आलोचना की और उनसे कहा कि यदि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनकर फिर से सत्ता में लाती है तो वे हार को सम्मानपूर्वक स्वीकार करें। भाजपा नेता एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ईवीएम तब ठीक थीं जब ममता बनर्जी, एन चंद्रबाबू नायडू और अमरिंदर सिंह जैसे उनके नेता चुनाव जीते और सत्ता में आये लेकिन जब यह प्रतीत होता है कि मोदी सत्ता में वापस आ रहे हैं तो मशीनें गलत हो जाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ईवीएम तब अच्छी हैं जब ममता बनर्जी दो बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनती हैं और अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बनते हैं। यदि वे जीते तो ईवीएम अच्छी। लेकिन जब इसकी उम्मीद हो कि हम जीतेंगे क्योंकि इस देश के लोग नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री चाहते हैं तो ईवीएम गलत हो जाती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा उनके (विपक्ष) व्यवहार की निंदा करते हैं और उनसे कहेंगे कि वे अपनी हार सम्मानपूर्वक स्वीकार करें।’’
भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि विपक्षी दल अपनी आसन्न हार के लिए बहाना खोज रहे हैं और उनका अचानक अविश्वास ‘‘चौंकाने वाला और अकल्पनीय’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘जब वे जीतते हैं, जैसा हाल में राज्य विधानसभा चुनाव में हुआ, ईवीएम भरोसेमंद हो जाती हैं। लेकिन जब वे हार जाते हैं तो वे उस पर सवाल उठाते हैं। ईवीएम पर उनका इस तरह का विश्वास पाखंड है।’’
22 विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और मांग की कि हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव की 23 मई को मतगणना से पहले, बिना क्रम के चुने गए मतदान केंद्रों की वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का ईवीएम के वोटों से मिलान किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि वीवीपैट पर्चियों के मिलान के दौरान यदि कोई विसंगति मिलती है तो उस विशेष विधानसभा क्षेत्र के 100 प्रतिशत वीवीपैट की पर्चियों का मिलान ईवीएम के वोटों से किया जाए।