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OBC पर विभिन्न आयोगों की सिफारिशों को कांग्रेस ने हमेशा ठंडे बस्ते में ही डाला : BJP

बीजेपी ने कहा कि ओबीसी के हितैषी होने का दावा करने वाली कांग्रेस ने उनके उत्थान को लेकर गठित विभिन्न आयोगों की सिफारिशों को उसने लागू करने के बजाय हमेशा ठंडे बस्ते में ही डाला।

राज्यसभा में बुधवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची बनाने से जुड़े राज्यों के अधिकारों को बहाल करने का प्रावधान करने वाले संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी ने ओबीसी आयोग को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला किया। बीजेपी ने कहा कि ओबीसी के हितैषी होने का दावा करने वाली कांग्रेस ने उनके उत्थान को लेकर गठित विभिन्न आयोगों की सिफारिशों को उसने लागू करने के बजाय हमेशा ठंडे बस्ते में ही डाला।
बीजेपी के सुशील मोदी ने कहा कि विभिन्न संसदीय समितियों के समक्ष केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसका इरादा राज्यों के अधिकार छीनने का नहीं है। उन्होंने सवाल किया ‘‘क्या राज्यों के अधिकार छीने जा सकते हैं?’’ उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से जानना चाहा कि काका कालेलकर आयोग की सिफारिशें कांग्रेस के कार्यकाल में क्यों नहीं लागू की गईं? मंडल आयोग की सिफारिशें नौ साल तक क्यों लागू नहीं की गईं? उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में पिछड़ों को अधिकार उन सरकारों के कार्यकाल में मिला जिनमें बीजेपी शामिल थी।
सुशील मोदी ने कहा ‘‘कांग्रेस 1950 में शासन में आई लेकिन उसने 40 साल तक काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट पर काम नहीं किया और पिछड़ों को न्याय नहीं दिया। मंडल आयोग ने 1980 में रिपोर्ट दी लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पिछड़ों को तब भी न्याय नहीं दिया। जिस सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया, बीजेपी उस समय उसका समर्थन कर रही थी। 
1993 में पिछड़ा वर्ग आयोग बना और उसके बाद क्रीमी लेयर की समीक्षा का काम 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किया तथा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।’’ उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग को भी कांग्रेस के कार्यकाल में संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया। बी के हांडिक आयोग ने पिछड़ा वर्ग के लिए आयोग बनाने की सिफारिश की थी लेकिन कांग्रेस ने इस पर अमल नहीं किया।
बीजेपी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग के समकक्ष संवैधानिक दर्जा दिया। मोदी सरकार ने ही संविधान में संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की।
बीजेपी सदस्य ने कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि जब भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आएगा तो जीत सरकार की होगी और देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इसका लाभ मिलेगा।’’ बीजेपी सरकार को अजा, अजजा समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए सुशील मोदी ने कहा कि इन समुदायों पर अत्याचार रोकने के लिए कानून में संशोधन किया गया। 
उन्होंने कहा कि नवोदय स्कूलों में आरक्षण की व्यवस्था की गई जिसके बाद हर साल चार लाख बच्चे इसका लाभ उठा रहे हैं। संविधान (एक सौ सत्ताइसवां संशोधन) विधेयक 2021 पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में न तो संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का चित्र लगाया और न ही उन्हें भारत रत्न सम्मान देना जरूरी समझा। 
विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सदस्य सुशील मोदी के यह कहने पर आपत्ति जताई। लेकिन पीठासीन अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि वह रिकॉर्ड देखेंगे। बीजेपी सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी के वर्गीकरण के लिए रोहिणी आयोग का गठन किया और यहां तक कि मंत्रिपरिषद में भी उन्होंने 27 फीसदी आरक्षण का ध्यान रखा।

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