पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ्तार किया। इसके बाद पूरे दिन चले नाटकीय घटनाक्रम में बग्गा को उनके घर से कथित तौर पर जबरन उठाये जाने के चलते हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस के वाहनों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रोक लिया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस राष्ट्रीय राजधानी ले आयी।
बग्गा (36) की गिरफ्तारी और फिर उन्हें वापस लाये जाने के प्रकरण को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा ने एक-दूसरे पर निशाना साधा।
बग्गा ने कुछ समय पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को लेकर केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी आलोचना की थी
बग्गा सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। बग्गा ने कुछ समय पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को लेकर केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी आलोचना की थी, जिसके बाद से वह आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर आ गए थे।
भाजपा ने पंजाब पुलिस पर उसके नेता को ”अगवा” करने का आरोप लगाया और आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजवरीवाल पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए राज्य की पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। वहीं, आम आदमी पार्टी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता बग्गा को कथित तौर पर पंजाब में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह की शिकायत पर अपहरण का मुकदमा किया दर्ज
दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह की शिकायत पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया।
दिल्ली पुलिस के बयान के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (मारपीट या गलत इरादे से अवैध तरीके से घर में घुसना), धारा 392 (लूटपाट), धारा 342 (अवैध हिरासत), धारा 365 (अपहरण), धारा 295ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और धारा 34 (समान इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस दल को ”हिरासत” में लेने के खिलाफ उच्च न्यायालय का किया रुख
इस बीच, पंजाब सरकार ने कुरुक्षेत्र में उसके पुलिस दल को ”हिरासत” में लेने के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस को भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की हिरासत नहीं देने और उन्हें हरियाणा में ही रखने की गुहार लगायी गई थी।
अदालत इस मामले में शनिवार को सुनवाई करेगी। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।
बग्गा की ओर से पेश वकील चेतन मित्तल ने पंजाब पुलिस द्वारा भाजपा नेता को गिरफ्तार किए जाने को लेकर सवाल उठाया और पूछा कि राज्य सरकार कैसे हरियाणा के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर सकती है?
जानिए ! क्या पूरा मामला
गौरतलब है कि दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है जबकि हरियाणा में भाजपा सत्ता में है।
बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह ने शिकायत की कि शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे कुछ लोग उनके घर आए और उनके बेटे को ले गए। सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के जवानों ने उनके चेहरे पर मुक्के मारे और उनके बेटे तेजिंदर को गिरफ्तार करते समय उसे पगड़ी भी नहीं पहनने दी।
प्रीतपाल सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उनके बेटे को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस के 10 से 15 जवान जनकपुरी स्थित उनके घर में जबरन घुस गए और बग्गा को गिरफ्तार कर लिया। इससे गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली स्थित जनकपुरी थाने के बाहर धरना दिया और पंजाब पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने मोहाली में दर्ज एक मामले में भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ्तार किया।
हालांकि, बग्गा को दिल्ली से मोहाली ले जा रहे पंजाब पुलिस के वाहनों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रोक दिया गया और पंजाब पुलिस के वाहनों को कुरुक्षेत्र के पीपली पुलिस थाने ले जाया गया।
पंजाब पुलिस की टीम को रोके जाने के सवाल पर हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ”ऐसी जानकारी मिली है कि बग्गा को उनके आवास से जबरन उठाया गया। हमें इन चीजों को सत्यापित और इसकी पुन: जांच करनी होगी।”
इसके बाद, दिल्ली पुलिस की एक टीम ने ‘बेहद नाटकीय घटनाक्रम’ में कुरुक्षेत्र में बग्गा को पंजाब पुलिस से अपने संरक्षण में ले लिया।
कुरुक्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी ने फोन पर बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम कुरुक्षेत्र पहुंची और बग्गा को अपने साथ लेकर राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हो गई।
हालांकि, बग्गा की गिरफ्तारी के पीछे की वजह और इसकी कानूनी वैधता के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आयी है।
पंजाब पुलिस ने दावा किया कि पांच नोटिस भेजे जाने के बावजूद बग्गा (36) जांच में शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया के बाद सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, शत्रुता को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में बग्गा के खिलाफ पिछले महीने मामला दर्ज किया था। पुलिस ने मोहाली में रहने वाले आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत के आधार पर बग्गा के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था।
पंजाब पुलिस ने बताया कि एक अप्रैल को दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक, 30 मार्च को बग्गा ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चा के विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
बग्गा की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल पर तानाशाही मानसिकता रखने और पंजाब के पुलिस बल का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
भाजपा की पंजाब इकाई के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने ट्वीट किया, ”केजरीवाल जिस तरह से पंजाब पुलिस का दुरुपयोग कर रहे हैं वह निंदनीय है। पंजाब पुलिस ने तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को उनके घर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बग्गा और उनके पिता के साथ अमानवीय व्यवहार किया। लेकिन, अरविंद केजरीवाल जी याद रखें, आपकी ऐसी हरकतें एक सच्चे सिख को डरा नहीं सकतीं।”
इस बीच, आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बग्गा की गिरफ्तारी को लेकर 29 अप्रैल को पटियाला में हुई झड़पों का जिक्र किया, तो दूसरी ओर पंजाब पुलिस ने कहा कि उसने भाजपा नेता को एक अप्रैल को मोहाली में दर्ज एक मामले के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है।
एक अप्रैल की प्राथमिकी में 30 मार्च की बग्गा की उस टिप्पणी का जिक्र है, जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भाजपा की युवा शाखा के विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी।
भारद्वाज ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की पुलिस ने पिछले महीने बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज किया था जब उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से “राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और हिंसा भड़काने की कोशिश की” थी।
भारद्वाज ने आरोप लगाया,”इस तरह के बयानों के कारण, पंजाब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और अब बग्गा को गिरफ्तार कर लिया। उनके बयान सांप्रदायिक थे। भाजपा से जुड़े बहुत से लोग पटियाला में हिंसा भड़काने में शामिल थे।”
उधर, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा के पिता को पीटे जाने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी के जनकपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
आदेश गुप्ता ने ट्वीट किया, ”तेजिंदर बग्गा के पिताजी के साथ पंजाब पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने के खिलाफ जनकपुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। भाजपा के युवा नेता के घर पंजाब पुलिस के 50-60 जवान भेजकर उन्हें जबरन उठवाना और उनके बुजुर्ग पिताजी के साथ मारपीट करवाना अरविंद केजरीवाल की तानाशाही मानसिकता का प्रमाण है।”
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के सिख होने के बावजूद बग्गा, जो एक सिख हैं, का अपमान किया गया है।
सिरसा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बग्गा केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश कर रहे थे और इसीलिए उन्हें निशाना बनाया गया।
भाजपा नेता नूपुर शर्मा ने अदालत के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी राज्य की पुलिस द्वारा दूसरे राज्य में किसी को गिरफ्तार करने से पहले स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने पंजाब पुलिस की कार्रवाई को गैर-कानूनी करार दिया।
बग्गा की गिरफ्तारी के बाद, पंजाब पुलिस ने एक बयान में कहा, ”आरोपी को आपराधिक दंड संहिता की धारा 41 ए के तहत जांच में शामिल होने के लिए पांच नोटिस दिए गए थे। नौ, 11, 15, 22 और 28 अप्रैल को नोटिस विधिवत तामील किए गए थे। इसके बावजूद आरोपी जानबूझकर जांच में शामिल नहीं हुए।”
पंजाब पुलिस ने कहा कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए बग्गा को शुक्रवार की सुबह दिल्ली के जनकपुरी इलाके में स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया।
मोहाली के सन्नी अहलूवालिया ने बग्गा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने, वैमनस्य को बढ़ावा देने तथा शत्रुता, घृणा और विद्वेष की भावना पैदा करने के लिए भड़काऊ और झूठे बयान देने का आरोप लगाया था। बग्गा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली से भाजपा के नेता तेजिंदर बग्गा को गिरफ्तार करके ला रहे पंजाब के पुलिसकर्मियों को हरियाणा पुलिस द्वारा रोका जाना ”अवैध हिरासत” के समान है।
कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक को लिखे एक पत्र में, उन्होंने इसे आपराधिक न्याय प्रणाली में हस्तेक्षप करार दिया।
मोहाली के एसएसपी विवेक शील सोनी ने अपने पत्र में बग्गा के खिलाफ पिछले महीने दर्ज प्राथमिकी का हवाला दिया और कहा कि जांच में शामिल होने के लिए उन्हें पांच नोटिस दिए गए थे, ”लेकिन वह जांच दल के सामने पेश नहीं हुए।”
उन्होंने कहा, ”कानून के अनुसार, आरोपी बग्गा को गिरफ्तार करने के लिए एक पुलिस दल भेजा गया था। उक्त पुलिस दल ने आरोपी को सुबह उसके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किया… मेरे संज्ञान में आया है कि हरियाणा पुलिस ने दल को करनाल-कुरुक्षेत्र हाईवे पर रोक दिया।”
मोहाली के एसएसपी ने पत्र में कहा, ”यह अवैध हिरासत और आपराधिक न्याय प्रणाली में हस्तक्षेप के समान है।”