नयी दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का बृहस्पतिवार को भाजपा के कई नेताओं ने समर्थन किया और कहा कि कानून बनाया जाना संवैधानिक रूप से वैध है और अदालत में मामले में विलम्ब होने के कारण इसे विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। भागवत का समर्थन करते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि संवैधानिक रूप से यह वैध मांग है और राम मंदिर बनाने के लिए सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने का कानून संविधान के मुताबिक होगा।
शर्मा ने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए हमेशा दो विकल्प है — पहला कानूनी रास्ता अख्तियार किया जाए और दूसरा आम सहमति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में अध्यादेश लाना कानूनी रास्ता होगा। उन्होंने कहा कि अदालतों में मामला काफी समय से लंबित है। स्वामी ने कहा, ‘‘भागवत ने जो कहा वह संविधान के दायरे में है, संवैधानिक रूप से वैध है। हम देख रहे हैं कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील अदालत में केवल कार्यवाही में देर करने के लिए प्रयासरत हैं। सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए।’’
भागवत के भाषण को ऐतिहासिक बताते हुए भाजपा के पूर्व सांसद विनय कटियार ने भी इस तर्क को खारिज कर दिया कि 2019 में लोकसभा चुनावों को देखते हुए मंदिर निर्माण को लेकर कानून बनाने की मांग की जा रही है। भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान पर भव्य राम मंदिर बनना चाहिए। यह सभी हिंदुओं की इच्छा है। शर्मा ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा राजनीतिक नहीं बल्कि आस्था का विषय है।