कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर से विजय चौक तक मार्च निकाला और उनसे माफी की मांग की। इनमें अधिकांश सांसद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के थे।सूरत की एक अदालत ने पिछले सप्ताह गांधी को ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली उनकी टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया था।
हरियाणा के मानेसर से इस अभियान की शुरुआत
सत्तारूढ़ पार्टी के ‘ओबीसी मोर्चा’ ने पिछड़ी जातियों के खिलाफ गांधी की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के खिलाफ और समुदाय के कल्याण के लिए मोदी सरकार के ‘ऐतिहासिक’ फैसलों को प्रमुखता से सामने रखने के लिए पार्टी के स्थापना दिवस छह अप्रैल से 14 अप्रैल तक बी आर अंबेडकर की जयंती के बीच एक अभियान चलाने की भी घोषणा की।मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भाजपा कार्यकर्ता देश के एक लाख गांवों के एक करोड़ घरों तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा हरियाणा के मानेसर से इस अभियान की शुरुआत करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लंबे शासन में दंतहीन रहे ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में समुदाय को आरक्षण देने और विश्वविद्यालयों में हजारों बैकलॉग रिक्तियों को भरने तक, मोदी सरकार ने समुदाय के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन फैसलों से उनके जीवन स्तर में सुधार में मदद मिलेगी।भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य लक्ष्मण ने जोर देकर कहा कि ओबीसी समुदाय 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने में मदद करेगा।उन्होंने कहा कि भाजपा के पक्ष में इस तरह के माहौल ने कांग्रेस को परेशान कर दिया है, जिसकी वजह से राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री का जातिगत ‘‘अपमान’ किया है।पिछले बृहस्पतिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी को लेकर मानहानि का दोषी पाए जाने के बाद दो साल कैद की सजा सुनाई थी।