देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज होने लगी हैं। केंद्र में मौजूद मोदी सरकार 2.0 के एक साल के कार्यकाल के पूरा होने पर बीजेपी 30 जून से 1000 वर्चुअल कॉन्फ्रेंस से लकेर कई ई-रैलियां का आयोजन करेगी। तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार को घरने के लिए वर्चुअल रणनीति बनाई है।
गुरुवार को कांग्रेस ने गरीबों, मजदूरों और सूक्ष्म, लघु एवं उपक्रमों (एमएसएमई) की मदद की मांग को लेकर विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर ‘स्पीक अप इंडिया’ अभियान की शुरुआत की। कांग्रेस के इस अभियान पर बीजेपी ने पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस देश के सामने मौजूद चुनौतियों से फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने विपक्षी दल पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल ऐसे समय में राजनीतिक दोषारोपण में लिप्त है जो दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन उससे अपेक्षित भी है।
वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मोदी सरकार पर निशाना साधने के बाद विपक्षी दल पर तीखा हमला बोला। सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को छोड़कर पूरे देश ने प्रवासियों की वेदना को सुना है। कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोगों के लिए अपना खजाना खोलने का भी आग्रह किया। सोनिया के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ईरानी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब देश को कोविड-19 महामारी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है, तब कुछ राजनीतिक दल देश के सामने मौजूद चुनौतियों से फायदा उठाने की कोशिश में हैं।’’
पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पराजित करने वाली ईरानी ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों समेत सभी प्रदेशों की सरकारें 1.76 लाख करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की साक्षी हैं और उन्होंने इससे लाभ उठाया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से हमारे समाज के कुछ सबसे कमजोर वर्गों को मदद मिली है।
ईरानी ने कहा, ‘‘संकट की इस घड़ी में, केंद्र और राज्यों के साथ ही जिलों के अधिकारियों ने भी अपने प्रयासों को एक दिशा में सम्मिलित कर दिया है। और ऐसे समय में कांग्रेस का राजनीतिक दोषारोपण में शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन उससे यही अपेक्षित भी है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रारंभ अपनी पार्टी के ‘स्पीक अप इंडिया’ अभियान के तहत एक वीडियो संदेश में सरकार से मांग की कि सभी जरूरतमंद परिवारों को अगले छह महीने तक 7,500 रुपये दिये जाने चाहिए।