भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज अमेठी के दौरे पर रहे। अमेठी वह लोकसभा सीट है। यूपी में 2014 के आम चुनावों में केवल कुछ ही सीटें ऐसी रहीं जिनमें बीजेपी के सांसद जीत नहीं पाए थे। इनमें अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के पास गई थीं तो बाकी 5 सीटें यादव परिवार ने जीती थीं बता दे कि 2014 की भयंकर मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना कब्जा बनाए रखा था। इसलिए राहुल गांधी के गढ़ पर कब्जा करने के लिए बीजेपी पूरी ताकत लगा रही है। अब बीजेपी जब 2019 के लिए अभी से तैयारी कर रही है तब बीजेपी ने सबसे पहले यही प्रयास आरंभ कर दिया है कि इन सात सीटों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए और जीत को अभी को सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएं
आपको बता दे कि अमेठी दौरे पर अमित शाह के साथ मंच पर स्मृति ईरानी , योगी आदित्यनाथ , केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ करीब आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों कि फौज मौजूद रही। आपको बता दे कि भाजपा प्रेदश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय भी इस दौरे में अमित शाह के साथ थे।
2019 के लोकसभा चुनाव से करीब डेढ़ वर्ष पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ पर कब्जा करने को भाजपा पूरी ताकत लगाने जा रही है। मंगलवार को भाजपा का वहां बड़ा शो है। माना जा रहा है कि अमित शाह के अभियान में उत्तर प्रदेश की सरकार भी साझीदार होगी।
भाजपा संगठन जहां अमेठी के पिछड़ेपन का मुद्दा उभारने की कोशिश में है वहीं सरकार की ओर से सात विकासपरक योजनाओं के लोकार्पण के साथ ही पांच की आधारशिला भी रखी जाएगी। केंद्रीय मंत्री और 2014 में राहुल गांधी से मुकाबिल रहीं स्मृति ईरानी ने अमेठी में अपनी ताकत लगाई है। वह चुनाव हारने के बाद भी यहां पर लगातार सक्रिय रही हैं और इस बार संगठन और सूबे की बीजेपी सरकार को लेकर उन्होंने आम जनता को प्रभावित करने के लिए बड़ी तैयारी की है।
अमित शाह ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश और प्रदेश में श्री गांधी के परनाना, दादी और पिता ने शासन किया। अमेठी से करीब 40 वर्षों से उन्हीं के परिवार का सांसद है, तो इस क्षेत्र की इतनी दुर्दशा क्यों। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष से उनकी तीन पीढिय़ों से विकास का हिसाब मांगा। उनका कहना था कि पंचायत से संसद तक कांग्रेस का शासन रहा है। वह अब गुजरात में विकास का सवाल पूछ रहे हैं। पहले वह बतायें कि अमेठी से कितने वर्षों से सांसद हैं। यहां डीएम आफिस, टीबी अस्पताल, एफएम रेडियो स्टेशन क्यों नहीं बने। गोमती नदी की कटान रोकने के लिये बांध क्यों नहीं बना। गरीबों को आवास क्यों नहीं मिला। उन्होंने कहा कि विकास के दो माडल हैं। पहला गांधी-नेहरु माडल और दूसरा मोदी माडल। पहले माडल में कुछ लोगों का विकास किया गया, जबकि दूसरे माडल में सभी के विकास की व्यवस्था है। गुजरात में हर घर में बिजली, पानी, बेहतरीन स्वास्थ्य केन्द और अन्य सुविधाएं हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश को पूर्ण विकसित राज्य बनाना चाहती है। मोदी सरकार और योगी सरकार उसी तरफ बढ़ रही है।
योगी ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन के नाम पर सम्राट साइकिल फैक्ट्री की जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह किसानो से वायदा करते है कि उनकी जमीन हड़पने नहीं दी जायेगी। जमीन पर या तो फैक्ट्री लगेगी या किसानो को वापस होगी। दामाद तो दामाद ही है, पुत्र भी जमीन हड़पने की कोशिश में लग गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट बाड्रा पर जमीन के कारोबार को लेकर कई आरोप लग चुके हैं।
योगी ने कहा कि नोटबंदी का समर्थन करने वाले व्यक्ति को नोबल पुरस्कार मिल गया। नोटबंदी के सही होने का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिये कि 55 साल के शासनकाल में उसने क्या किया। आज का कार्यक्रम एक महीने पहले ही तय हो गया था। इससे घबड़ाये राहुल गांधी ने चार अक्टूबर से तीन दिवसीय अपना कार्यक्रम अचानक रख दिया। कांग्रेस को गांव गरीब किसान से कोई लेना देना नहीं है।
श्रीमती ईरानी ने आज यहां एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी और उनके परिवार ने इस क्षेत्र को केवल वोट की ²ष्टि से देखा। 2011 में कचहरी बनवाने की घोषणा की गयी थी, लेकिन योगी सरकार नहीं आती तो शायद यह भी नहीं बन पाता। जनता की उपेक्षा का आलम यह है कि पिपरी और उसके आस पास के गांव गोमती नदी की कटान में लगातार कट रहे थे। वहां के लोगों ने अपने सांसद (राहुल गांधी) से कई बार कहा, लेकिन उन्होंने एक न सुनीं। ईरानी ने कहा कि इस सम्बन्ध में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी बात की थी, लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने उनकी बात अनसुनी कर दी। बांध नहीं बनने की वजह से 2014 के चुनाव का पिपरी के मतदाताओं ने बहिष्कार किया था। मैंने वायदा किया था कि बांध बनवायेंगे। योगी सरकार बनी। मैंने आग्रह किया।
वही पार्टी के सूत्र बताते हैं कि अमेठी में हाईप्रोफाइल विजिट और कई योजनाओं की घोषणाओं के जरिए BJP का लक्ष्य लोगों को ये संदेश देना है कि वो चौतरफा विकास में विश्वास रखते हैं। पार्टी सबका साथ सबका विकास के सिद्धान्त पर काम कर रही है।
इस हाईप्रोफाइल दौरे से एक दिन पहले ही जंग बहादुर सिंह के रूप में बीजेपी को एक खुशखबरी मिली जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। इससे इलाके में पार्टी का पक्ष और मजबूत होता दिख रहा है।