राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी कांग्रेस आज सिर्फ दो राज्यों में ही सिमट कर रहे गई है। कांग्रेस एक ओर राजस्थान के उदयपुर में चिंतन बैठक कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब से पार्टी को तगड़ा झटका लगा। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने फेसबुक पर ही पार्टी और पार्टी के कुछ नेताओं की आलोचना करते हुए कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
कांग्रेस के इतने महत्वपूर्ण चिंतन बैठक के दौरान पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस छोड़ने के ऐलान ने बीजेपी को कांग्रेस पर कटाक्ष करने का एक और मौका दे दिया है। बीजेपी इसे एक अद्भुत संयोग बताते हुए देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए नजर आ रही है।
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस की इस हालत पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि, इधर उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा है उधर पंजाब से कद्दावर कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी छोड़ी। वाह क्या संयोग है!
इधर उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा है उधर पंजाब से कद्दावर कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी छोड़ी।
वाह क्या संयोग है!
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 14, 2022
‘गुड लक और गुडबाय कांग्रेस’
सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले का ऐलान करते हुए कहा, ‘‘गुड लक और गुडबाय कांग्रेस’’।कांग्रेस ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पिछले महीने उन्हें सभी पदों से हटा दिया था। जाखड़ ने यह निर्णय ऐसे समय पर लिया है जब उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ चल रहा है।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख जाखड़ 11 अप्रैल को उन्हें मिले ‘कारण बताओ’ नोटिस को लेकर पार्टी से नाराज थे। उन्होंने कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति को नोटिस का जवाब नहीं दिया था। पूर्व सांसद ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और उन्हें पंजाब में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की हार के बाद, पार्टी के लिए ‘‘बोझ’’ बताया था।
जाखड़ ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया। उन्होंने कहा था कि अगर कोई उनकी टिप्पणियों से आहत हुआ है तो वह खेद जताते हैं। जाखड़ ने पहले यह दावा करके तूफान खड़ा कर दिया था कि 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और केवल दो ने चन्नी का समर्थन किया है। पिछले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जाखड़ इस पद के दावेदारों में आगे चल रहे थे। लेकिन पार्टी की नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि पार्टी को एक सिख को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।