भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बुधवार को सुनाए गए फैसले में सभी आरोपियों को बरी करने का स्वागत करते हुए इसे ‘‘सत्य की जीत’’ करार दिया।
अदालत के फैसले के तत्काल बाद भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने ट्वीट किया, ‘‘बाबरी इमारत विध्वंस मामले में आरोपी सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। अदालत ने विध्वंस के पीछ किसी प्रकार के षडयंत्र होने की बात को खारिज किया है। अदालत ने माना है कि विध्वंस उकसावे की तात्कालिक प्रतिक्रिया का परिणाम था। सत्य की जीत होती है।’’लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत ३२ लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूँ। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 30, 2020
रक्षा मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।’’All 32 accused acquitted in the Babri building demolition case . Court rules out any conspiracy behind the demolition . Considers the demolition a spur of the moment .
— B L Santhosh (@blsanthosh) September 30, 2020
TRUTH PREVAILS .
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था। हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी,उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग-अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके।