कर्नाटक में भाजपा के प्रदेश प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि पार्टी राज्य की सत्तारूढ़ गठबंधन को अस्थिर नहीं करेगी। राज्य लगातार राजनीतिक उठापटक की गिरफ्त में है और कांग्रेस अपने विधायकों को पाले में रखने के प्रयास में लगी हुई है।
भाजपा की कथित खरीद-फरोख्त के डर से कांग्रेस के विधायक शहर के बाहर एक रिजॉर्ट में हैं। इसी बीच येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने गुरुग्राम के एक होटल में ठहरे हुए भाजपा विधायकों से राज्य वापस लौटने और राज्य के सूखाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने को कहा है।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ हम किसी भी कारण से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास नहीं करेंगे। उन्हें इसका डर नहीं होना चाहिए। हम विपक्ष की तरह काम करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस-जद (एस) के नेताओं को इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’’
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कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में करने के भाजपा के कथित प्रयास से अपने विधायकों को बचाने के लिये कांग्रेस ने उन्हें शुक्रवार को एक रिसॉर्ट भेज दिया था।
सत्तारूढ़ सरकार में दरार उस समय उजागर हुई जब चार विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों पर नजर रखने और भाजपा द्वारा कथित खरीद-फरोख्त की कोशिश से बचाने के लिए एक रिसॉर्ट में भेज दिया।
कांग्रेस के शीर्ष सूत्र ने शुक्रवार को बताया कि कम से कम आठ विधायकों ने ‘भाजपा के पाले में जाने की प्रतिबद्धता’ जताई थी। भाजपा ने घोषणा की है कि येदियुरप्पा के नेतृत्व में सात सदस्यों वाला एक दल सोमवार से सूखा ग्रसित क्षेत्रों का दौरा करेगा।
बहरहाल सिद्धरमैया ने भाजपा विधायकों को वापस बुलाने के येदियुरप्पा के फैसले का स्वागत किया है और राज्य की गठबंधन सरकार को अस्थिर नहीं करने के अपने बयान पर अमल करने की सलाह दी।
उन्होंने कन्नड़ में एक ट्वीट में कहा, ‘‘ मैं येदियुरप्पा के भाजपा विधायकों को दिल्ली से वापस बुलाने और उन्हें राज्य में सूखा प्रबंधन की निगरानी के लिए भेजे जाने के फैसले का स्वागत करता हूं।’
सिद्धरमैया ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि येदियुरप्पा को वैसे ही काम करना चाहिए जैसा कि उन्होंने कहा है और लोगों के विश्वास की रक्षा करनी चाहिए। सुर्खियों में रहनेवाले डी के शिवकुमार ने कहा कि वह सभी विधायकों के साथ संपर्क में हैं।
जब उनसे मंत्रिमंडल में असंतुष्ट विधायकों को समायोजित करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने पार्टी के हित में इसकी पेशकश की थी। अगर मेरे नेता चाहेंगे तो मैं इसके लिए तैयार हूं।’ उनसे जब पूछा गया कि कितने नेता पद छोडऩे को तैयार हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी तैयार हैं।’
येदियुरप्पा नीत टीम द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्रों के दौरे के बारे में शिवकुमार ने कहा, ‘‘ यह अच्छी बात है कि कम से कम उन्हें अभी सूखे की हालत का अध्ययन करने का ज्ञान प्राप्त हुआ। कर्नाटक सरकार उन्हें हर तरह की सहायता मुहैया कराएगी।’
भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के विधायकों को जहां ठहराया गया, उस रिजॉर्ट पर राज्य सरकार का 982 करोड़ रुपये का जुर्माना जमीन अतिक्रमण के मामले में बकाया है। कांग्रेस नेताओं को रिसॉर्ट से यह राशि वापस लेनी चाहिए और इसका इस्तेमाल कृषि ऋण को माफ करने में किया जाना चाहिए।
हालांकि सीएलपी बैठक में चार विधायकों के हिस्सा नहीं लेने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। बाद में पार्टी ने बताया कि अनुपस्थित रहनेवाले विधायकों को नोटिस जारी किया जाएगा। सोमवार को हुए राजनीतिक उठा-पटक के बाद दो निर्दलीय विधायकों ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
कांग्रेस लगातार भाजपा पर सरकार गिराने का प्रयास करने का आरोप लगा रही है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साध रही है।